CG Politics : महीनेभर में कांग्रेस का मजबूत किला ढहा दी रेणुका ने...

CG Politics :  महीनेभर में कांग्रेस का मजबूत किला ढहा दी रेणुका ने...
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अपने संसदीय क्षेत्र की विधानसभा से चुनाव न लड़कर आलाकमान के कहने पर उन्होंने भरतपुर सोनहत विधानसभा से चुनाव लड़ने की चुनौती स्वीकारी। कुछ ही दिनो के प्रचार अभियान के बाद 4900 मतों के अंतर से जीत दर्ज कर यह बतला दिया कि राजनीति में कोई स्थानीय या बाहरी नहीं होता। पढ़िए पूरी खबर...

रविकांत सिंह राजपूत-मनेन्द्रगढ़। केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह (Union Minister of State Renuka Singh)विधानसभा चुनाव (assembly elections) के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के बाद दिल्ली से छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)की पहली विधानसभा भरतपुर सोनहत (Bharatpur Sonhat) पहुंची और कांग्रेस के किले को एक माह के भीतर भेद दिया। रेणुका सिंह सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी हैं। अपने संसदीय क्षेत्र की विधानसभा से चुनाव न लड़कर आलाकमान के कहने पर उन्होंने भरतपुर सोनहत विधानसभा से चुनाव लड़ने की चुनौती स्वीकारी। कुछ ही दिनो के प्रचार अभियान के बाद 4900 मतों के अंतर से जीत दर्ज कर यह बतला दिया कि राजनीति में कोई स्थानीय या बाहरी नहीं होता। कांग्रेस रेणुका सिंह को बाहरी बताती रही, लेकिन रेणुका सिंह ने खुद को भरतपुर सोनहत विधानसभा की बेटी बताकर जनता का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया।

बेटा-बेटी और ससुराल के लोगों ने संभाला मैनेजमेंट

रेणुका सिंह को भरतपुर सोनहत से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद यहां से भाजपा की पूर्व विधायक रही चंपा देवी पावले के विरोध के स्वर भी दिखाई दिए, लेकिन कार्यकर्ताओं ने रेणुका सिंह का दीदी मायके आई है... कमरो की विदाई है... नारे लगाकर जमकर साथ दिया। वहीं रेणुका सिंह का चुनावी मैनेजमेंट उनकी बेटी मोनिका सिंह, बेटा बलवन्त सिंह व रेणुका सिंह के ससुराल वाले जिले सूरजपुर के भाजपा नेता शशि तिवारी, प्रसून गोयल, ने संभाल रखा था। रेणुका सिंह अपनी बेटी मोनिका सिंह, भाजपा नेत्री उर्मिला नेताम के साथ जनसम्पर्क के दौरान लोगों के घर-घर गईं और अपने पक्ष में माहौल बनाने में सफल रही।

काम आया पर्चा, राशनकार्ड, बढ़ी हुई संपत्ति का मुद्दा

रेणुका सिंह ने चुनाव प्रचार और आमसभा के दौरान भूपेश सरकार और कांग्रेस विधायक गुलाब कमरो पर जमकर हमला बोला। गुलाब कमरो के तानाशाही रवैये, गलत कामो को संरक्षण देने के मामले की जमकर पोल खोली। वहीं गुलाब कमरो द्वारा गैर जरूरतमंद व अमीरों के अलावा कांग्रेस पदाधिकारियों को स्वेच्छानुदान देने के मामले का पर्चा भाजपा द्वारा विधानसभा क्षेत्र में बंटवाया गया। जिससे विधायक के खिलाफ माहौल बना। विधायक गुलाब कमरो की पत्नी के नाम पर गरीबी रेखा राशनकार्ड पर राशन उठाव होना। वहीं 5 साल में विधायक की संपत्ति 5 साल में 36 गुना बढ़ना जैसे मुद्दे काफी प्रभावी हुए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने नुक्कड़ सभा कर विधायक की पोल खोली।

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