चैत्र नवरात्रि : मां दंतेश्वरी के धाम दंतेवाड़ा में तैयारियां पूरी, पूरे मंदिर परिसर को सजाया गया

पंकज सिंह भदौरिया - दंतेवाड़ा। मां दंतेश्वरी मंदिर से ही दंतेवाड़ा शहर की पहचान है। दंतेवाड़ा देश के प्रसिद्ध धार्मिक शक्तिपीठों में भी शुमार है। शंखिनी और डंकिनी नदी के संगम तट पर बसा यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बना है। नवरात्र के मौके पर यहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी माँ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

दरअसल, बस्तर की आराध्य देवी, मां दंतेश्वरी का यह मंदिर आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र है। बताया जाता है कि इस स्थल पर देवी सती का दांत गिरा था, इस वजह से इस शहर का नाम दंतेवाड़ा पड़ा। 52 शक्तिपीठों में से एक दंतेश्वरी का मंदिर, दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में शंखिनी और डंकिनी नदी के संगम तट पर स्थित है। शारदीय और चैत्र नवरात्र के मौके पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
चैत्र नवरात्र के लिए तैयारियां हुई पूरी
चैत्र नवरात्र को देखते हुए टेंपल कमेटी और प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है। मंदिर को विशेष तरीके से सजाया गया है। साथ ही मंदिर को सजाने के लिए जगह-जगह लाईटिंग भी की गई है, जो मंदिर परिसर को और भी ज्यादा आकर्षक बनाती है। प्रशासन की मानें तो मौसम को ध्यान में रखते हुए इस नवरात्र में विशेष तैयारियां की गई हैं। श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह टेंट, पानी, भोजन आदि की व्यवस्था भी टेंपल कमेटी की तरफ से किया गया है। बता दें कि दोनों ही नवरात्र के अवसर पर हजारों की संख्या में यहां ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाते हैं।
सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना होती है पूरी
मान्यता है कि माईजी के दरबार में सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना कभी भी खाली नहीं जाती। यही वजह है कि यहां मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेने बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इधर टेंपल कमेटी भी विशेष मौकों पर विशेष सुविधाएं श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराता है।
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