चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान के नाम बदले : विधायकों और सामाजिक लोगों की मांग पर सीएम भूपेश बघेल ने लगाई मुहर

रायपुर। छत्तीसगढ़ के तीन स्थानों के नाम बदल दिए गए हैं। चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान के नाम बदले गए हैं। नाम बदले जाने का ऐलान खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब नए नामों से राजपत्र का प्रकाशन किया जाएगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक लोगों की मांग पर ये बड़ा फैसला प्रदेश सरकार ने लिया है।
बदले हुए नामों के अनुसार चंदखुरी का नाम माता कौशल्याधाम चंदखुरी होगा। बाबा गुरू घासीदास धाम गिरौदपुरी के नाम से अब गिरौदपुरी को जाना जाएगा। सतनाम पंथ के अनुयायियों की आस्था का बड़ा केन्द्र गिरौदपुरी है। शहीद वीरनारायण सिंह धाम सोनाखान के नाम से सोनाखान जाना जाएगा।
क्यों बदले गए इन स्थानों के नाम
ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश में ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले गांवों के नाम बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने की मांग की थी। इससे पहले कांग्रेस नेता चंदखुरी के नाम में माता कौशल्या धाम जोड़ने की मांग उठा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि संसदीय सचिव चंद्रदेव राय की अगुवाई में कुछ खास विधायकों का एक दल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिला। इन विधायकों ने मुख्यमंत्री को दो ज्ञापन सौंपे। इसमें एक के जरिए गिरौदपुरी के नाम के साथ संत बाबा गुरु घासीदास धाम जोड़ने की मांग की गई। वहीं दूसरे ज्ञापन में सोनाखान के साथ शहीद वीर नारायण सिंह धाम जोड़ने का आग्रह किया गया था।
उल्लेखनीय है कि लंबे समय से मांग हो रही थी कि गिरौदपुरी ो नाम संत बाबा गुरु घासीदास धाम गिरौदपुरी कर दिया जाए। ऐसा होने से देश-प्रदेश में इसकी ख्याति एक पवित्र धाम के रूप में होगी। वहीं 1857 की क्रांति में छत्तीसगढ़ के पहले शहीद वीर नारायण सिंह का जन्म सोनाखान में हुआ था। उनके जन्म स्थान को शहीद वीर नारायण सिंह धाम सोनाखान किया जाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। यह मांग उठाने वालों में विधायक बृहस्पत सिंह, गुलाब कमरो, यूडी मिंज, गुरुदयाल सिंह बंजारे और विनय जायसवाल भी शामिल थे।
तीन में से स्थान बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में
जिन तीन गांवों के नाम बदले जाने की मांग उठी है उनमें से दो बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में आते हैं। गिरौदपुरी सतनाम पंथ का सबसे बड़ा धार्मिक-सामाजिक केंद्र है। इसको पहले से भी गिरौदपुरी धाम कहा जाता रहा है। वहीं सोनाखान वन क्षेत्र में स्थित है। यह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर नारायण सिंह की जन्मस्थली के रूप में ही प्रसिद्ध है।
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