Chandra Grahan 2023: बुद्ध पूर्णिमा पर 130 साल बाद दिखेगा यह चंद्र ग्रहण

Chandra Grahan 2023: साल का पहला चंद्रग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। 5 मई को इस वर्ष का पहला चंद्रग्रहण लगेगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके पहले साल का पहला सूर्यग्रहण 20 अप्रैल को लगा था। यह भी भारत में दिखाई नहीं दिया था। रात में 8.46 बजे से चंद्रग्रहण शुरू होगा और 1 बजे खत्म हो जाएगा। इस तरह से यह चंद्रग्रहण लगभग 4 घंटे 15 मिनट की अवधि का होगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, लगभग 130 वर्ष पश्चात ऐसा संयोग बना है, जब बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण होगा। 5 मई को लगने जा रहा उपछाया चंद्रग्रहण रहेगा अर्थात चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया सिर्फ एक तरफ रहने की वजह से यह ग्रहण हर जगह नहीं देखा जाएगा। भारत के किसी भी हिस्से में यह ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा। चंद्रग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर में रहेगा।
गुरुवार रात्रि प्रारंभ होगी पूर्णिमा तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 4 मई गुरुवार की रात 11 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन अर्थात 5 मई शुक्रवार की रात 11 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा 5 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी।
सिद्धि योग के साथ भद्रा काल
5 मई को सूर्योदय से लेकर सुबह 9 बजकर 17 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। इसी दिन स्वाति नक्षत्र भी रहेगा। स्वाति नक्षत्र सुबह से लेकर रात 9 बजकर 40 मिनट तक है। इस तरह वैशाख पूर्णिमा के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है। वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया रहेगा। यह सुबह 5 बजकर 38 मिनट से सुबह 11 बजकर 27 मिनट तक है। चूंकि इस भद्रा का वास स्थान पाताल है, इसलिए इसका दुष्प्रभाव पृथ्वी पर नहीं होगा।
उपछाया चंद्रग्रहण
उपछाया चंद्रग्रहण होने के कारण सूतक काल मान्य नहीं रहेगा। सूतक काल न लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्य पर रोक नहीं लगेगी।
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