फ्रूट मार्केट की टाइमिंग बदलने से घट गई आवक, इसलिए चिल्हर में फलों के दाम दोगुने

कोराेना लॉकडाउन में थोक मार्केट खोलने की टाइमिंग बदलने से न सिर्फ आवक घटी है, बल्कि चिल्हर में फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। दूसरे राज्यों से फलों की आवक पहले की तुलना में आधी हो गई है। यही नहीं, फल के थोक कारोबारी दूसरे राज्यों से फल मंगाने से हाथ खींच लिए हैं। इसका खामियाजा अब आमजनों को भुगतना पड़ रहा है। लॉकडाउन से पहले 150 रुपए में बिकने वाला सेब अब 300 से 350 रुपए में बिक रहा है। मौसमी फल भी बेहद महंगे हो गए हैं। हालात यही रहे तो महीनेभर में फल मार्केट का दीवाला निकल जाएगा और फल आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएंगे।
आधी हो गई आवक
जानकारी के मुताबिक रायपुर में अनार, मौसमी, केला, ताेतापुरी, हापुस आम जैसे तमाम फल महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक राज्य से आते हैं। लॉकडाउन से पहले जहां रोज 20 गाड़ी फल रोज फल मंडी पहुंचते थे, वहीं अब सिर्फ 10 गाड़ियां ही पहुंच रही हैं। सेब व अंगूर का सीजन समाप्त होने से थोक मार्केट में आवक कम है और लॉकडाउन की वजह से अब कारोबारी इसे मंगा नहीं रहे। इससे फलों के दाम चिल्हर मार्केट में बढ़ गए हैं।
दोगुने दाम पर बिक रहे
जानकारी के मुताबिक सेब 300-350 रुपए किग्रा, अंगूर 180 रुपए, संतरा 150-160 रुपए, तरबूज 20-30 रुपए, आम 80 से 100 रुपए किलो बिक रहे हैं। वहीं थोक में आम 40 रुपए, तोतापुरी 20 से 25 रुपए, मौसमी 15 रुपए, केला 15 रुपए दर्जन और हापुस 12 पीस 600 से 700 रुपए में बिक रहे हैं।
रात में मार्केट खोलने से नुकसान
फल कारोबारी बताते हैं, रात में फल मार्केट खोलने से खरीदारों की संख्या बेहद कम हो गई है। फल अधिक मंगाने पर सड़ जाते हैं। इससे बहुत नुकसान हो रहा है। जैसे पहले रोज 2 करोड़ का कारोबार होता था, वह अब महज एक करोड़ से भी कम हो गया है। इससे पूरा कारोबार चौपट हो रहा है। थोक मार्केट की टाइमिंग बदली जाए तो आवक बढ़ सकती है। इससे कारोबार में तेजी आएगी।
कारोबार सुस्त
फल कारोबार पूरी तरह से घट गया है। रात में मार्केट खुलने से ज्यादा खरीदार नहीं आते। दूसरे राज्यों से फलों की आवक आधी हो गई है। इससे चिल्हर में फलों के दाम बेतहाशा बढ़े हैं।
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