शराब बिक्री में छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास, 23 प्रतिशत अधिक राजस्व की संभावना

शराब बिक्री में छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास, 23 प्रतिशत अधिक राजस्व की संभावना
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हालांकि छत्तीसगढ़ की सियासत में शराबबंदी एक अहम मुद्दा है, जो कई साल से राजनीति में गरमा-गरमी मचाए हुए है

रायपुर। हालांकि छत्तीसगढ़ की सियासत में शराब बंदी एक अहम मुद्दा है, जो कई साल से राजनीति में गरमा-गरमी मचाए हुए है, लेकिन दूसरे राज्य में शराब पीने और पिलाने का चलन इस कदर बढ़ रहा है कि शराब बिक्री सेे सरकार को मिलने वाले राजस्व में बेतहाशा बढ़ोतरी होती दिख रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने शराब से 6 हजार करोड़ राजस्व का लक्ष्य रखा है, लेकिन अब तक की बिक्री के आंकड़े बता रहे हैं कि इस साल मार्च तक शराब बिक्री का राजस्व ऑलटाइम हाई तक जाने वाला है। पिछले साल के मुकाबले अब तक 1600 करोड़ का राजस्व अधिक मिला है।

23 प्रतिशत अधिक राजस्व की संभावना

छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग को सभी तरह की शराब से राजस्व का लक्ष्य 2022-23 वित्तीय वर्ष मार्च 2023 के लिए 6 हजार करोड़ रुपए का रखा गया है, लेकिन आबकारी विभाग का आकलन है कि इस वित्तीय वर्ष में शराब से राजस्व पिछले साल के मुकाबले 23 प्रतिशत अधिक होने जा रहा है। रिकार्ड के मुताबिक 2014-15 से लेकर अब तक किसी भी साल में आबकारी राजस्व में इतनी ग्रोथ कभी नहीं देखी गई है।

सरकारी नियंत्रण से राजस्व दोगुना

राज्य में शराब की बिक्री का काम राज्य सरकार के कार्पोरेशन के माध्यम से किया जा रहा है। यह काम 2017-18 से तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था। तब की सरकार ने शराब बिक्री का काम ठेकेदारों के हाथ से लेकर खुद करना शुरू किया था। इस काम के लिए स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन कंपनी का गठन किया गया है। 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया है। खास बात ये है कि जब से सरकार ने शराब बेचना शुरू किया है, तभी से सरकार को इससे मिलने वाला राजस्व बढ़कर दोगुना से अधिक हुआ है।

इस तरह हर साल बढ़ा राजस्व

छत्तीसगढ़ में 2014-15 से लेकर 2016-17 तक शराब बिक्री ठेकेदारों का काम था। उस तीन साल में सरकार ने राजस्व का जो लक्ष्य रखा, वह कभी पूरा नहीं हुआ। इन तीन साल में लक्ष्य के मुकाबले राजस्व में 8, 14 और 11 प्रतिशत की कमी रही, लेकिन 2017-18 से लेकर 2021-22 तक जब शराब बिक्री का काम सरकार ने हाथ में लिया, तब हर साल राजस्व में क्रमश: 18, 11 और 10 प्रतिशत की वृद्धि लक्ष्य के मुकाबले हुई। 2020-21 में कोरोना की वजह से 2 महीने शराब दुकानें बंद होने से राजस्व में 900 करोड़ की कमी आई, लेकिन 2021-22 में 10 प्रतिशत राजस्व बढ़ा।

2022-23 के लिए सरकार ने 6 हजार करोड़ का राजस्व लक्ष्य रखा है। इसके मुकाबले 6 हजार 700 करोड़ रुपए अब तक मिले हैं। मार्च 2023 में वित्तीय वर्ष समाप्त होेने तक राजस्व में वृद्धि 23 प्रतिशत तक होने की संभावना है। कुल मिलाकर पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 1600 करोड़ का राजस्व अधिक मिला है।

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