फर्जी कॉल एप से ठगी करने वाले दो अंतर्राज्यीय जालसाज गिरफ्तार, क्रेडिट कार्ड अपडेट करने के नाम पर ठगे 8 लाख

छत्तीसगढ़ के पंडरी थाना क्षेत्र में दुर्ग निवासी एक व्यक्ति के बैंक अकाउंट से आठ लाख रुपए की ठगी करने के आरोप में एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की टीम ने दो अंतर्राज्यीय जालसाजों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों की निशानदेही पर पुलिस ने ठगी के पैसों से खरीदे गए डेढ़ लाख रुपए के एप्पल फोन तथा साढ़े छह लाख रुपए होल्ड कराने में कामयाबी हासिल की है।
मामले का खुलासा करते हुए एएसपी एसीसीयू पितांबर पटेल तथा डीएसपी दिनेश कुमार सिन्हा ने बताया कि राकेश कुमार साहू की शिकायत पर हरियाणा, सोनीपत निवासी मनीष सिंह उर्फ लक्की कुमार तथा उत्तरप्रदेश, सहारनपुर निवासी वसीम अहमद को गिरफ्तार किया है। पुलिस अफसरों के मुताबिक जालसाजों ने राकेश के साथ तीन माह पूर्व 12 जून को ठगी की घटना को अंजाम दिया था। राकेश ने पुलिस को बताया कि घटना दिनांक को उसके मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात व्यक्ति एक्सिस बैंक के टोल फ्री नंबर से कॉल कर क्रेडिट कार्ड के संबंध में जानकारी दे रहा था। इसी दौरान उसके अकाउंट में पांच लाख रुपए क्रेडिट हुए। रुपए क्रेडिट होने के साथ ही चार लाख रुपए डेबिट हो गए। इसके बाद उसने बैंक से संपर्क कर अपना अकाउंट ब्लाक कराया।
अनब्लाक करते ही अकाउंट से रुपए आहरण
पुलिस के अनुसार राकेश ने होम लोन लिया था, इसलिए उसे बैंक से अपना अकाउंट अनब्लाक कराना पड़ा। अकाउंट अनब्लाक होने के बाद जालसाजों ने उसके अकाउंट से आठ लाख रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर कराकर ठगी की। पुलिस ने मामले की पड़ताल की, तो उन्हें पता चला कि जालसाज फर्जी कॉल मी एप का इस्तेमाल करते हुए फेक मोबाइल नंबर से किसी दूसरे के किराए पर लिए गए अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कर राकेश को ठगी का शिकार बनाया। पुलिस के अनुसार मनीष रकम ट्रांसफर कराने वसीम अहमद को गेटवे उपलब्ध कराने पर कमीशन देता था। पुलिस पकड़े गए जालसाजों से पूछताछ कर रही है।
पेशे से फल कारोबारी है मनीष
पुलिस के अनुसार मनीष तथा वसीम महज आठवीं पास हैं। मनीष पेशे से फल बेचने का काम करता है। हरियाणा में सक्रिय ऑनलाइन जालसाजी करने वाले गिरोह के संपर्क में आकर अपने मित्र वसीम के साथ मिलकर ठगी करने की योजना बनाई। इसके लिए दोनों ने पहले अलग-अलग बैंकों के ग्राहकों का चोरी का डेटा खरीदा। इसके बाद प्राप्त डेटा के अनुसार दोनों को कॉल कर संपर्क कर ठगी का शिकार बनाने का काम करते थे।
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