छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग तय करेगा नया रेट

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी से तेलंगाना को फिर से बिजली देने की कवायद चल रही है। इस बार तेलंगाना को बिजली देना प्रारंभ किया गया तो उसे भी महंगी बिजली की झटका लगेगा। नया रेट बिजली नियामक आयोग तय करेगा। पहले भी आयोग ने ही करीब आठ साल पहले रेट तय किया था। तब से लेकर पिछले साल तक तेलंगाना को उसी रेट पर बिजली मिली है, लेकिन बकाया के विवाद के चलते इस समय बिजली देना बंद है। वहीं विवाद के सुलझाने पर फिर से बिजली देने की तैयारी है।
तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के बिजली कंपनी के अधिकारियों की टीमों में 36 साै करोड़ के बकाया को लेकर चर्चा होने के बाद इस बात की संभावना नजर आ रही है कि बकाया का विवाद सुलझ जाएगा। साथ ही इस बात के भी संकेत हैं कि तेलंगाना वापस बिजली लेने चाह रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य कंपनी तेलंगाना को जहां नए रेट पर बिजली देगी, वहीं एक सबसे अहम शर्त यह होगी कि भुगतान की व्यवस्था सुरक्षित हो और पुराना बकाया का विवाद समाप्त हो जाए।
छत्तीसगढ़ की बिजली सस्ती
तेलंगाना को छत्तीसगढ़ से मिलने वाली बिजली सस्ती पड़ती है, इसलिए तेलंगाना वापस इस प्रयास में लगा है कि उसको यहां से फिर से बिजली मिलने लगे। यही वजह है कि 36 सौ करोड़ के बकाया पर जाे विवाद सामने आया है, उसे तेलंगाना भी सुलझाना चाहता है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी की मांग पर तेलंगाना की कंपनी ने अपनी पांच अधिकारियों की टीम यहां पर भेजकर सुलह का रास्ता निकालने का प्रयास किया गया है। दोनों राज्यों की टीमों के बीच हुई चर्चा में तेलंगाना ने सात पैसे प्रति यूनिट ट्रेडिंग शुल्क पर बड़ी आपत्ति जताई है। इसका कुल शुल्क सवा सौ करोड़ होता है। इसी के साथ स्टार्टअप पॉवर शुल्क, एसएलडीसी, पानी, वीसीए और एफसीए शुल्क के दस्तावेज मांगे हैं कि इस पर क्या खर्च किया गया है। अब पॉवर कंपनी तेलंगाना को सारे दस्तावेज उपलब्ध करा रही है। पॉवर कंपनी भी चाहती है कि विवाद का पटाक्षेप हो जाए।
तय होगी नई कीमत
तेलंगाना को अब तक जो बिजली दी गई है, उसकी कीमत प्रति यूनिट चार रुपए से कुछ ज्यादा रही है, लेकिन इसी के साथ अन्य खर्च भी शामिल रहे हैं। पुरानी कीमत भी छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग ने तय की थी। अब अगर वापस तेलंगाना को बिजली दी जाएगी तो भी वापस यहां का नियामक आयोग ही बिजली की कीमत तय करेगा, लेकिन इसके पहले छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी यह चाहती है कि हर माह जो बिजली दी जाएगी, उसके लिए सुरक्षित भुगतान की व्यवस्था हो। महज भुगतान के वादे पर अब बिजली नहीं दी जाएगी। इसी के साथ पुराना बकाया का भी नियमित भुगतान जरूरी है।
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