राज्य सरकार से मांगा, सूखत की राशि का भुगतान समितियों को दिलाया जाए

राज्य सरकार से मांगा, सूखत की राशि का भुगतान समितियों को दिलाया जाए
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छत्तीसगढ़ में धान उपार्जन के लिए काम करने वाली सहकारी समितियों को सू्खत की राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। यह मांग ऑल इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव चंद्रप्रकाश व्यास ने की है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर, विधायक सत्यनारायण शर्मा को इस संबंध में पत्र भेजा है।

छत्तीसगढ़ में धान उपार्जन के लिए काम करने वाली सहकारी समितियों को सू्खत की राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। यह मांग ऑल इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक एंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव चंद्रप्रकाश व्यास ने की है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर, विधायक सत्यनारायण शर्मा को इस संबंध में पत्र भेजा है। श्री व्यास ने धान सहकारिता से जुड़े कुछ और मामले भी उठाए हैं।

पत्र में श्री व्यास ने कहा कि केंद्र शासन के पूल में उपार्जित धान पर्याप्त नहीं लिए जाने के कारण प्रदेश की सहकारी समितियों द्वारा उपार्जित धान का औसत 10 से 15 प्रतिशत तक धान ही संग्रहण केंद्र एवं मिलर्स द्वारा उठाया गया है। शेष धान आज तक समितियों के केंद्रों में ही पड़ा है जो लगातार तेज धूप के कारण सूख रहा है। साथ ही बैमौसम बारिश से भीगकर खराब हो रहा है। इस स्थिति को देखते हुए श्री व्यास ने सरकार के समक्ष कुछ मांगे रखीं हैं।

श्री व्यास ने कहा कि शासन के निर्देश पर राज्य मंडी बोर्ड द्वारा प्रदेश में नए मंडी लेबर चार्ज का नोटिफिकेशन जारी किया गया है, लेकिन इस संबंध में खाद्य विभाग ने विधिवत आदेश जारी नहीं किया है। इस मामले में तुंरत कार्यवाही होनी चाहिए। समितियों में पड़े धान की अतिरिक्त सुरक्षा एवं रखरखाव के लिए राशि के भुगतान का आदेश किया जाना चाहिए। प्रदेश में उपार्जित धान पांच महीने से समितियों में पड़ा है। इसमें अनुमानत: 1 से 1.20 लाख टन सूखत अनुमानित है। समितियों को धान की सूखत राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। उपार्जित धान के लिए कराए गए बीमा के क्लेम के लिए सर्वे होना चाहिए साथ ही हानि का भुगतान समितियों को दिलाया जाना चाहिए।


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