Raipur: पेंशन विकल्प चुनने का आज आखिरी दिन, फिर नहीं खुलेगा पोर्टल

Raipur: पेंशन विकल्प चुनने का आज आखिरी दिन, फिर नहीं खुलेगा पोर्टल
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छत्तीसगढ़ के ऐसे शासकीय सेवक, जिन्होंने अब तक अपने लिए पेंशन योजना का कोई विकल्प नहीं चुना है, उनके लिए विकल्प चुनने का आखिरी दिन आज यानी सोमवार को है। इसके बाद यह पोर्टल हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा।

हरिभूमि रायपुर समाचार:छत्तीसगढ़ के ऐसे शासकीय सेवक, जिन्होंने अब तक अपने लिए पेंशन योजना का कोई विकल्प नहीं चुना है, उनके लिए विकल्प चुनने का आखिरी दिन आज यानी सोमवार को है। इसके बाद यह पोर्टल हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा। जो कर्मचारी इसके बाद भी कोई विकल्प नहीं चुनेंगे, उन्हें नवीन अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल कर लिया जाएगा।

ये है मामला

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में 2004 से लागू नवीन अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) को पिछले साल अप्रैल में समाप्त करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने यह तय किया कि शासकीय सेवकों से ही विकल्प लिया जाए कि वे कौन-सी पेंशन योजना में शामिल होना चाहते हैं। इसके लिए शासकीय सेवकों को 5 मार्च तक का समय दिया गया था। इस समयसीमा में अधिकांश कर्मियों ने पेंशन योजना का विकल्प चुना, लेकिन कर्मचारियों का एक ऐसा वर्ग भी है, जिन्होंने कोई भी विकल्प नहीं चुना था। ऐसे कर्मियों के लिए राज्य सरकार ने 8 मई तक का समय दिया है।

अब नहीं मिलेगा कोई अवसर

इस मामले को लेकर राज्य सरकार के वित्त विभाग ने 24 अप्रैैल को एक आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया था कि जिन कर्मियों ने पेंशन योजना का कोई विकल्प नहीं चुना है, उन्हें विकल्प चुनने के लिए 8 मई तक का समय दिया जा रहा है। यदि शासकीय सेवक कोई विकल्प नहीं चुनते हैं तो उन्हें एनपीएस में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन 8 मई का समय बीतने के बाद उन्हे भविष्य में किसी प्रकार का विकल्प चुनने का अवसर नहीं दिया जाएगा। इसके बाद शासन आगे की कार्यवाही नियमानुसार करेगा।

अधिकांश ने चुना ओपीएस

छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवकों में से करीब 97 प्रतिशत कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुना है। हालांकि विकल्प चुनने को लेकर भी शासकीय कर्मी काफी असमंजस में थे। इसके बाद कर्मियों के लिए सरकार ने कार्यशाला लगाकर उन्हें दोनों पेंशन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उनके असमंजस का समाधान किया। इसके बाद राज्य के करीब 97 प्रतिशत कर्मियों ने ओपीएस का चयन किया है।

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