गरीबों के लिए बने 29 सौ आवास खाली, नहीं मिले खरीदार, सरकार अब किराए पर देने तैयार

गरीबों के लिए बने 29 सौ आवास खाली, नहीं मिले खरीदार, सरकार अब किराए पर देने तैयार
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जवाहरलाल नेहरू नवीकरण मिशन के तहत शहरी गरीबों और एकीकृत आवास और स्लम पुनर्विकास कार्यक्रम की पूर्ववर्ती योजनाओं के तहत निर्माणाधीन मकानों का उपयोग शहरी प्रवासियों और गरीबों को किफायती किराए पर देकर किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में गरीब परिवारों के लिए बनाए गए 29 सौ से अधिक मकानों के लिए खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इस मकानों को सरकार अब किराए पर देने की तैयारी कर रही है। छत्तीसगढ़ में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन योजना के अंतर्गत शहरी गरीबों एवं राजीव गांधी आवास योजना के अंतर्गत ऐसे पूर्ण एवं अपूर्ण आवास जो अब तक नहीं बिक पाए हैं उन्हें शहरी प्रवासियों और गरीबों को किफायती किराए पर मुहैया कराया जाएगा।

नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नगर निगम आयुक्त रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ और जगदलपुर को सर्कुलर जारी कर कहा गया है कि केंद्र सरकार के शहरी कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत एक योजना का शुरू की है।

योजना में जवाहरलाल नेहरू नवीकरण मिशन के तहत शहरी गरीबों और एकीकृत आवास और स्लम पुनर्विकास कार्यक्रम की पूर्ववर्ती योजनाओं के तहत निर्माणाधीन मकानों का उपयोग शहरी प्रवासियों और गरीबों को किफायती किराए पर देकर किया जाएगा।

इनमें ऐसे आवास शामिल किए गए हैं जो खाली और निर्माणाधीन हैं। इन मकानों को निकायों द्वारा मरम्मत और रेट्रोफिट इमारतों के लिए रियायतकर्ता चयन के लिए प्रस्ताव देने दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

आठ जिलों में 29 सौ मकान

छत्तीसगढ़ के आठ जिलों में बीएसयूपी और आईएचएसडीपी के अंतर्गत बनाए गए अपूर्ण और खाली मकानों की संख्या करीब 29 सौ से अधिक है। 740 मकान निर्माणाधीन और 2166 मकान पूर्ण हैं जो अब तक नहीं बिक पाए हैं। रायपुर, बालोद, भाटापारा, बिलासपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर, रायगढ़ में स्थित इन अपूर्ण आवासों को पूरा कराकर इस योजना के तहत उपयोग करने निगम आयुक्तों को पत्र जारी किया गया है। आयुक्तों से कहा गया है कि इन मकानों को रहने लायक बनाने और 25 वर्षों तक संचालित करने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किया जाए।

ये है योजना

केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से विभिन्न योजनाओं के तहत बनाए गए इन मकानों को किफायती किराए पर आवास परिसर योजना के तहत उपयोग लाने को लेकर जुलाई माह में निर्णय लिया गया था। राज्यों को इन योजनाओं के अंतर्गत मौजूदा खाली मकानों को ऐसे गरीबों को आवंटित किया जाएगा, जो इसमें लाभार्थी हो सकते थे।

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