छत्तीसगढ़ किसान सभा ने 28 फरवरी तक धान खरीदी की रखी मांग

रायपुर. अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने प्रदेश में सहकारी सोसायटियों के जरिये धान खरीदी की समय सीमा 28 फरवरी तक बढ़ाने, दिसंबर-जनवरी के 15 दिनों में खराब मौसम के कारण खेती-किसानी को हुये नुकसान का मुआवजा देने और प्रदेश में व्याप्त खाद की किल्लत को दूर करने की मांग की है।
आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते तथा महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि दिसम्बर-जनवरी के 15 दिनों में खराब मौसम के कारण सोसायटियों में धान खरीदी पूरी तरह ठप्प रही और नमी के कारण किसानों को अपना धान दोबारा सुखाना पड़ा है। इसके कारण किसान अपना धान बेचने में पिछड़ गए हैं। इसलिए किसानों की धान बेचने की समय सीमा 28 फरवरी तक बढ़ाने की मांग जायज है। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर किसान व्यापारियों को औने-पौने दाम में अपना धान बेचने को मजबूर होंगे और उन्हें भारी नुकसान उठाना होगा।
किसान सभा नेताओं ने कहा कि प्रदेश में पिछले दिनों 15 दिनों के खराब मौसम, तूफान और अतिवृष्टि की मार से खेती-किसानी को भारी नुकसान पहुंचा है। कारगर फसल बीमा योजना के अभाव में किसानों के समक्ष भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। फसल नुकसानी के आंकलन के राज्य सरकार के आदेश पर अमल नहीं हो रहा है। राजस्व विभाग के कर्मचारी घर बैठे यह आंकलन कर रहे हैं, जिसमें किसानों के लिए राहत की कोई बात नहीं है, क्योंकि हजारों किसानों की पूरे साल की फसल खराब हो चुकी है। किसान सभा नेताओं ने मांग की है कि इस अभूतपूर्व फसल बर्बादी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को प्रति एकड़ न्यूनतम दस हजार रुपये मुआवजा किसानों को देना चाहिए।
उन्होंने प्रदेश में व्याप्त रासायनिक खाद की कमी को दूर करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही प्रदेश में मांग के आधार पर रासायनिक खाद की 32% कमी है। ऐसे में खाद के 1.37 लाख टन स्टॉक के दावों के बावजूद वास्तविकता यही है कि बड़े पैमाने पर खाद की कालाबाजारी हो रही है और किसानों को भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के जरिये किसानों को उनकी मांग के अनुरूप रासायनिक खाद का मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS