छत्तीसगढ़ : पीएम आवास योजना की राशि न मिलने पर आदिवासी ग्रामीण ने की आत्महत्या, जिला प्रशासन ने बनाई जांच टीम

छत्तीसगढ़ : पीएम आवास योजना की राशि न मिलने पर आदिवासी ग्रामीण ने की आत्महत्या, जिला प्रशासन ने बनाई जांच टीम
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सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लेट-लतीफी आम आदमी की आत्महत्या की वजह कैसे बन सकती है, इसका उदाहरण है बालोद (Balod) जिले की यह घटना। गरीब आदिवासी ग्रामीण (Poor tribal villager) शीत कुमार नेताम को समय पर प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojna) के अंतर्गत मिलने वाली किस्तें नहीं मिली, नतीजतन उसने अपनी जिंदगी खत्म कर ली। पढ़िए पूरी खबर-

बालोद। प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas yojna) अंतर्गत मिलने वाली राशि न मिलने के कारण जिले के एक हितग्राही युवक ने आत्महत्या कर ली है। युवक कर्जदारों से भी परेशान था। मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। डिप्टी कलेक्टर की अगुवाई में एक टीम बनाई गई है, जो इस मामले की जांच करेगी। आपको बता दें कि पूरे जिले में लगभग 33 करोड़ रूपए का भुगतान इस योजना के अंतर्गत बकाया है।

इस संबंध में जानकारी मिली है कि बालोद जिले के शीत कुमार नेताम (Sheet Kumar Netam) नामक युवक ग्रामीण ने आत्महत्या कर ली है। परिजनों का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत राशि के न मिलने के कारण शीत कुमार नेताम को आत्महत्या करना पड़ा है। दरअसल, शीत कुमार ने योजना की कुछ राशि मिलने पर आवास का निर्माण (Construction) शुरू कर दिया था। आगे का निर्माण पूरा करने के लिए उसने बाजार से कर्ज ले लिए। उसे उम्मीद थी कि पीएम आवास योजना की आगामी किस्तों में वह कर्ज को लौटा देगा। लेकिन उसे समय पीएम आवास योजना की राशि नहीं मिली, इधर कर्जदार परेशान करने लगे। उधर, कर्ज लेने के बावजूद हितग्राही के आवास का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। इस हालात से परेशान शीत कुमार ने आत्महत्या (Suicide) कर ली। इस घटना पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। लेकिन, मामला प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े होने और परिजनों के आरोप के कारण जिला प्रशासन ने भी गंभीरता से लिया है। कलेक्टर के निर्देश पर एक जांच टीम बनाई गई है। यह जांच टीम डिप्टी कलेक्टर के निर्देश पर इस पूरी घटना की जांच करेगी। यदि जांच में यह पाया जाता है कि मृतक शीत कुमार नेताम को पीएम आवास योजना के अंतर्गत सहायता राशि या अनुदान मिलने में विलंब हुआ है, तो दोषी अफसर और कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी, साथ ही आत्महत्या के लिए विवश करने के कारण कानूनी धाराओं के तहत उन पर थाने में अपराध भी दर्ज किया जाएगा।

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