छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र : CM बघेल का अनुपूरक बजट पारित, सरकार और विपक्ष में तीखी बहस

छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र : CM बघेल का अनुपूरक बजट पारित, सरकार और विपक्ष में तीखी बहस
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मानसून सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3807 करोड़ 46 लाख रुपये का पहला अनुपूरक बजट पेश किया, जिस पर गुरुवार को सदन में होगी चर्चा। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3807 करोड़ 46 लाख रुपये का पहला अनुपूरक बजट पेश किया। सीएम भूपेश बघेल के भाषण के बाद बजट पारित किया गया। वहीं विधानसभा की कार्यवाही कल तक स्थगित कर दी गई। लेकिन बुधवार को विपक्षी दल ने कोरोना, हाथी की मौत, धान और मक्का बीज खरीदी मामले समेत कई मुद्दों को लेकर बघेल सरकार की घेराबंदी की। इस दौरान सरकार और विपक्ष में जमकर बहस हुई।

सदन की शुरुआत कोरोना पर स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से हुई। बीजेपी ने कहा कि कोरोना काल में सरकार उत्सव मना रही है, पोला में हज हाउस के उद्घाटन में हजारो लोग जुट रहे हैं, लेकिन जनता की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। क्वारंटीन सेंटर में सांप काट रहे हैं, वो आत्महत्या का केंद्र बन रहे हैं, मगर सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। विपक्षी दल ने कहा कि पीएम जब मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करते हैं तो स्वास्थ्य मंत्री को नहीं बुलाया जाता है।

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि- 'कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए हम ने केंद्र सरकार से 30 हजार करोड़ की राशि मांगी। राशि तो दूर अब तक जवाब भी नहीं आया। खराब स्थिति का हवाला देते हुए मैंने ही नहीं सारे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लोन पर ब्याज माफ करने का आग्रह किया था, किसी भी राज्य के कर्ज माफ नहीं किया गया।'

सीएम ने आगे कहा कि- 'संक्रमण काल में भी हमने लोगों को लाभ दिलाया। 19 लाख किसानों को हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ दिलाया। 26 लाख लोगों को हमने मनरेगा के तहत रोजगार दिया यह हमारी व्यवस्था रही।'

उन्होंने कहा कि -'रमन सिंह ने केंद्र सरकार से मिलने वाले सहयोग की बात की। किसानों के खाते में जो 500 रूपए की राशि डाली गई, कोरोना नहीं होता तब भी यह राशि मिलती। इसे देकर केंद्र सरकार ने एहसान नहीं किया।'

ध्यानाकर्षण में जरिए आज धान और मक्का बीज खरीदी को लेकर भी विपक्ष ने बघेल सरकार को घेरने की कोशिश की। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा किऑर्डर देने के बावजूद बीज की सप्लाई समय पर नहीं हुई। बीजों की गुणवत्ता की जांच भी नहीं हुई है। वहीं कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने जवाब देते हुए कहा कि खराब बीज देने वाले कंपनियों पर कार्रवाई होगी, इन कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।

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