नवजात को गोद में लिए भटकती रही 'छत्तीसगढ़ की महतारी' : प्रसूता को डिस्चार्ज कर जिला अस्पताल से यूं ही भटकने के लिए छोड़ा, पैसे थे नहीं बस स्टैंड में भटकने के बाद मिला सहारा

पंकज भदौरिया/दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्वास्थ्य विभाग की चरमराती तस्वीरें सरकार की योजनाओं में पलीता लगा रही है। दरअसल जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से आई हुई गर्भवती महिलाओं को जिला अस्पताल दंतेवाड़ा में प्रसव के बाद दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया जा रहा है। ऐसी ही एक बड़ी लापरवाही जिला अस्पताल से तब देखने को मिली जब 2 दिन के नवजात शिशु को लिए एक महिला डिलवरी के बाद दंतेवाड़ा बस स्टैंड में घर जाने के लिए बस की तलाश करती नज़र आई।
एम्बुलेंस में ड्राइवर नहीं
बड़े गुडरा बुरजीपारा निवासी महिला मंगो पति हूंगा ने बताया कि, वह डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल आई थी। प्रसव के बाद अब उसे अस्पताल से छूट्टी दे दी गई, लेकिन घर जाने के लिए उसके पास कोई वाहन सुविधा नहीं है। महिला ने बताया कि एम्बुलेंस में ड्राइवर नहीं होने की वजह से उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर पैदल ही भेज दिया गया। इधर महिला के पास घर जाने के लिए पैसे भी नहीं है। देखिए वीडियो-
सीएचएमओ ने नहीं उठाया फोन
अब सरकार के तमाम दावों की दंतेवाड़ा स्वास्थ्य विभाग में पोल खुल रही है। यह सरकार का नियम है कि, दूरदराज से पहुँची गर्भवती महिलाओं को प्रसव के बाद सुरक्षित उन्हें उनके घर तक सरकारी वाहन से छोड़े, लेकिन डिलीवरी के बाद मंगो घर जाने के लिए किराए का पैसे नहीं होने से बस स्टैंड में भटकती रही। इस पर हमारे संवाददाता ने दंतेवाड़ा के सीएचएमओ बीआर पुजारी से लगातार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद संवाददाता ने महिला को बस में बैठाकर उसके गांव के लिए उसे रवाना किया और बस का किराया भी हमारे संवाददाता ने दिया।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS