ई-मार्केट में लगेगी छत्तीसगढ़ के धान की बोली, अब तक 35 फर्मों ने दिखाई रुचि

ई-मार्केट में लगेगी छत्तीसगढ़ के धान की बोली, अब तक 35 फर्मों ने दिखाई रुचि
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छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल न्यूनतम समर्थन पर मूल्य पर खरीदे गए धान में से 20 लाख मीट्रिक टन की बिक्री के लिए एनसीडीईएक्स ई मार्केट के माध्यम से बोली लगाई जाएगी। यह ऑनलाइन मार्केट संचालित करने वाली कंपनी से जुड़े प्रतिनिधियों ने ऐसी फर्मों से बातचीत शुरू की है, जो छत्तीसगढ़ का धान खरीद सकते हैं। बताया गया है कि अब तक करीब 35 फर्मों ने इस सौदे में रुचि ली है। इसके साथ ही संबंधित फर्म खरीदी के लिए अपना पंजीयन कराएंगी। खास बात ये है कि देश की जो भी फर्म ये धान खरीदेगी, उसे छत्तीसगढ़ से मंडी लाइसेंस लेना होगा।

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल न्यूनतम समर्थन पर मूल्य पर खरीदे गए धान में से 20 लाख मीट्रिक टन की बिक्री के लिए एनसीडीईएक्स ई मार्केट के माध्यम से बोली लगाई जाएगी। यह ऑनलाइन मार्केट संचालित करने वाली कंपनी से जुड़े प्रतिनिधियों ने ऐसी फर्मों से बातचीत शुरू की है, जो छत्तीसगढ़ का धान खरीद सकते हैं। बताया गया है कि अब तक करीब 35 फर्मों ने इस सौदे में रुचि ली है। इसके साथ ही संबंधित फर्म खरीदी के लिए अपना पंजीयन कराएंगी। खास बात ये है कि देश की जो भी फर्म ये धान खरीदेगी, उसे छत्तीसगढ़ से मंडी लाइसेंस लेना होगा।

सरकार इसलिए बेच रही धान

राज्य सरकार ने इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य में करीब 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक की खरीदी की है। सरकार ने यह खरीदी केंद्र सरकार के इस भरोसे की बदौलत की थी कि वह राज्य से 40 लाख मीट्रिक टन चावल सेंट्रल पूल के लिए लेगी, लेकिन धान खरीदी को लेकर केंद्र के दांवपेेंच के बीच केंद्र ने राज्य से केवल 24 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की मंजूरी दी है। इसके तहत एफसीआई के माध्यम से चावल लिया जा रहा है। सरकार के पास 20 लाख मीट्रिक टन धान बच रहा है।

बच रहे धान का सरकार क्या करेगी

केंद्र सरकार द्वारा 40 लाख मीट्रिक टन चावल लिए जाने का वादा करने के बाद भी कम मात्रा में चावल लेने से राज्य सरकार के पास बड़ी मात्रा में धान बच रहा है। अगर इस धान का निपटारा नहीं किया गया, तो देर-सबेर वह धान खराब होगा। राज्य सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसीलिए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह 20 लाख मीट्रिक टन धान खुले बाजार में बेचेगी। इस सौदे से सरकार को घाटा भी हो सकता है, लेकिन बड़े घाटे के बजाय छोटा घाटा सरकार को मंजूर करने के अलावा कोई रास्ता फिलहाल नजर नहीं आता।

ई मार्केट लगा है धान के सौदे करवाने में

अतिशेष 20 लाख मीट्रिक टन धान की बिक्री के लिए मार्कफेड ने एनसीडीईएक्स ई मार्केट फर्म (एनईएमएल) को एजेंसी बनाया है। इस कंपनी के प्रतिनिधि अपने ग्राहकों या संभावित फर्मों से बातचीत कर उन्हें सौदे के लिए तैयार कर रहे हैं। पता लगा है कि अब तक 35 फर्मों ने इस खरीदी में रुचि दिखाई है। जो फर्म खरीदी करना चाहेंगी, वे अपना पंजीयन करवाएंगी।

शुरू हो गई है प्रक्रिया

धान बेचने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। एनईएमएल कंपनी के माध्यम से ये बिक्री होगी। पंजीयन की प्रक्रिया 18 फरवरी से शुरू हुई है। धान की बिक्री प्रारंभ होने के दौरान भी पंजीयन कराया जा सकेगा।

- मनोज सोनी, विशेष सचिव, खाद्य विभाग

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