मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा- पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा राम वनगमन पर्यटन परिपथ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में उनके वनगमन की स्मृतियों को जीवंत बनाने के लिए राज्य के उत्तरी छोेर कोरिया से लेकर दक्षिण में सुकमा तक राम वनगमन पर्यटन परिपथ का तेजी से विकास किया जा रहा है। परिपथ के चिन्हित स्थलों के पौराणिक प्राचीन स्वरूप को संरक्षित करते हुए विकसित किया जा रहा है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ का राम वनगमन पर्यटन परिपथ देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा।
मुख्यमंत्री सोमवार को अपने निवास कार्यालय में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना राम वनगमन पर्यटन परिपथ की प्रगति सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व के अनेक स्थलों के साथ अनेक सुंदर प्राकृतिक स्थल और जलप्रपात भी हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन स्थलों में पर्यटकों के रुकने की सुविधा सहित सभी जरूरी सुविधाएं विकसित की जाएं तो छत्तीसगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।
छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास की व्यापक संभावना है। इसे बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को जोड़ते हुए सर्किट बनाएं। उन्होंने राम वनगमन पर्यटन परिपथ विकास के तहत प्रथम चरण में चयनित 9 स्थलों की प्रगति के साथ ही सिरपुर को हेरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम पर किए जा रहे विकास कार्य।
मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़, प्रज्ञागिरी स्थल का विकास, ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के तहत हो रहे कार्यों की समीक्षा की। निजी निवेश योजना के तहत माना तूता में थीम एम्यूजमेंट पार्क, तेलीबांधा स्थित होटल जोहार छत्तीसगढ़ में टूरिज्म कमर्शियल कांप्लेक्स और मैनपाट के सैला रिसॉर्ट में नेचर केयर-वेलनेस सेंटर विकसित करने की योजना है। लगभग 36 करोड़ की लागत से 18 बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किए जा रहे हैं।
पहले चरण का कार्य दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य
बैठक में सचिव पर्यटन ने प्रस्तुतिकरण के जरिए जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में 9 स्थलों का विकास किया जा रहा है। चंदखुरी में कौशिल्या माता मंदिर परिसर में तीन चरणों में कार्य किया जा रहा है जिसमें से प्रथम एवं दूसरे चरण के 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि शिवरीनारायण में विकास कार्य प्रगति पर हैं। यहां प्रथम चरण के विकास कार्य दिसंबर 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। राम वनगमन पर्यटन परिपथ के चिन्हित 9 स्थलों में से 4 स्थल रामगढ़, तुरतुरिया, सिहावा-सप्तऋषि आश्रम एवं तीरथगढ़ वन क्षेत्र में होने के कारण यहां का कार्य वन विभाग के माध्यम से कराया जा रहा है।
सिरपुर हेरिटेज बुद्धिष्ट थीम पर होगा विकसित
सिरपुर को हेरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम में विकसित करने के लिए 62 करोड़ 96 लाख रुपए लागत का कांसेप्ट प्लान तैयार किया गया है। इसका विकास तीन चरणों में प्रस्तावित है। यहां मुख्य रूप से तीन भव्य स्वागत द्वार, पार्किंग साईनेजेस, एडमिन बिल्डिंग, लैण्डस्केपिंग, 15 गजीबो-पैगोडा, बुद्धिष्ट थीम पार्क, रायकेरा तालाब के चारों ओर पत्थरों से पिचिंग एवं फुटपाथ, साइकिल ट्रैक, ओपन एयर थियेटर निर्मित किए जाएंगे।
ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के तहत 13 स्थल विकसित होंगे
ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के तहत 96 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से 13 स्थलों को विकसित किया जा रहा है। इनमें से जशपुर में एथनिक पर्यटन ग्राम, कुनकुरी में मार्ग सुविधा केंद्र, कुरदर बिलासपुर में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट, सरोधा दादर में एथनिक पर्यटन ग्राम, गंगरेल में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट, नथियानवागांव में मार्ग सुविधा केंद्र, कोण्डागांव, चित्रकोट जगदलपुर में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। तीरथगढ़, मैनपाट एवं कमलेश्वरपुर में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट और महेशपुर में मार्ग सुविधा केंद्र का कार्य आगामी सितंबर माह तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
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