अमेरिकी एनजीओ की निशानदेही पर दर्ज हो रहे चाइल्ड पोर्नोग्राफी के केस

अमेरिकी एनजीओ की निशानदेही पर दर्ज हो रहे चाइल्ड पोर्नोग्राफी के केस
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Raipur News: अमेरिकी एनजीओ की मदद से एनसीआरबी रायपुर जिले में हर महीने औसतन डेढ़ सौ चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े मामले दर्ज हो रहे हैं। इसको रोकने के लिए अमेरिकी एनजीओ नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन की मदद ले रही है।

Raipur News: चाइल्ड पोर्नोग्राफी गंभीर अपराध है, इस पर रोक लगाने के लिए नेशनल क्राइम ब्यूरो (National Crime Bureau) हर संभव प्रयास कर रही है। इसी के साथ चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने के लिए एनसीआरबी अमेरिकी एनजीओ नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन की मदद ले रही है। अमेरिकी एनजीओ की मदद से एनसीआरबी रायपुर जिले में हर महीने औसतन डेढ़ सौ चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े मामलों को दर्ज कर इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय भेज रहा है। पुलिस अफसरों के मुताबिक, बच्चों से संबंधित सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर अश्लील पोस्ट शेयर करने पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी का अपराध दर्ज किया जाता है।

सोशल मीडिया पर एनसीएमईसी की निगरानी

अमेरिकी एनजीओ (American NGO) एनसीएमईसी 1984 से अस्तित्व में है। एनसीआरबी ने इस संस्था के साथ चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने वर्ष सन 2000 में समझौता किया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर बच्चों से जुड़े जो भी पोस्ट किए जाते हैं, उस पर एनसीएमईसी (NCMEC) निगरानी करती है। बच्चों से संबंधित पोस्ट में अश्लीलता के कंटेंट मिलने पर एनसीएमईसी उसका विश्लेषण करती है। इसके बाद इस बात की जानकारी एनसीआरबी को देती है। इसके बाद एनसीआरबी पोस्ट करने वाले के बारे में जानकारी जुटाकर संबंधित राज्य के पुलिस को जानकारी देती है।

क्राइम डीएसपी दिनेश सिन्हा के मुताबिक, रायपुर (Raipur) जिले में एनसीआरबी की निशानदेही पर हर महीने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के डेढ़ सौ प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के प्रकरण दर्ज करने के बाद बच्चों से संबंधित अश्लील कंटेंट पोस्ट करने वाले की गिरफ्तारी की जानकारी एनसीआरबी को पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) के माध्यम से दी जाती है।

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ज्यादातर पोस्ट फेसबुक के माध्यम से

पुलिस अफसरों के मुताबिक, चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography) के अब तक जितने भी मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें आधे से ज्यादा केस फेसबुक पर बच्चों से संबंधित अश्लील पोस्ट शेयर करने के हैं। जबकि दूसरे नंबर पर इंस्टाग्राम है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित पोस्ट सोशल मीडिया (Social Media) या अन्य प्लेटफार्म पर शेयर करने पर पांच साल तक कैद के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है।

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