खैरागढ़ यूनिवर्सिटी में शास्त्रीय गायन, श्रुति मंडल में हुई शानदार प्रस्तुति

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के पाक्षिक कार्यक्रम "श्रुति मंडल" के अंतर्गत 1 जुलाई की शाम दी गई दोनों प्रस्तुतियां लाजवाब रहीं। इस दिन का यह पाक्षिक आयोजन पद्मभूषण पंडित राजन मिश्र को समर्पित रहा। कार्यक्रम की मुख्य अभ्यागत कुलपति पद्मश्री डॉ. मोक्षदा (ममता) चंद्राकर के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
पहली प्रस्तुति से ही विश्वविद्यालय का प्रेक्षागृह तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। तालियों और वाहवाही का सिलसिला कार्यक्रम के अंत तक चलता रहा। पहली प्रस्तुति डॉ. श्रुति कश्यप के उप शास्त्रीय गायन के रूप में हुई, जिसमें तबले पर डॉ. हरि ओम हरि और हारमोनियम पर डॉ. दिवाकर कश्यप ने संगत किया।
दूसरी प्रस्तुति के रूप में डॉक्टर दिवाकर कश्यप ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन पेश किया। डॉ. श्रुति और डॉ. दिवाकर के गायन को खूब सराहना मिली। इसमें तबले पर डॉ. हरि ओम हरि, हारमोनियम पर डॉ. लिकेश्वर वर्मा ने संगत किया। शास्त्रीय गायन के अप्रतिम उदाहरण पंडित राजन मिश्र को समर्पित इस विशेष "श्रुति मंडल" की दोनों प्रस्तुतियां शानदार रही। कुलपति पद्मश्री मोक्षदा (ममता) चंद्राकर अपने ने अपने उद्बोधन में डॉ. श्रुति कश्यप और डॉ. दिवाकर कश्यप को प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कला के विभिन्न विधाओं के छात्र-छात्राओं से कहा कि ऐसी प्रस्तुतियों और ऐसे शिक्षकों से सभी छात्र-छात्राओं को सीख लेनी चाहिए। कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा को तराशने के लिए विश्वविद्यालय के सभी विभाग इसी तरह प्रयासरत रहें, विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग मिलता रहेगा। उन्होंने सभी संगतकारों की भी अच्छी प्रस्तुति के लिए सराहना की। कार्यक्रम में प्रसिद्ध फिल्म डायरेक्टर संगीत मर्मज्ञ प्रेम चंद्राकर, डीन प्रो. डॉ. काशीनाथ तिवारी, डॉ. शेख मेदिनी होम्बल, डॉ. नमन दत्त, डॉ. योगेंद्र चौबे, डॉ. अजय पांडे समेत बड़ी संख्या में शिक्षक, विद्यार्थी, शोधार्थी और अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में प्रख्यात हिंदुस्तानी गायक डॉ. सतीश इंदुरकर भी पहुंचे। उन्होंने डॉ. दिवाकर कश्यप के विशेष आग्रह पर हारमोनियम के साथ प्रस्तुति में संगत किया। इस शानदार प्रस्तुति में विश्वविद्यालय के छात्र भरत बिदुआ, शुभम ठाकुर और किशन प्रकाश ने तानपुरा एवं स्वर सहयोग दिया। कार्यक्रम का संचालन मयंक बिसेन एवं भक्ति बिसेन ने बेहद संतुलित ढंग से किया।
Tags
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS