CG Politics : चौधरी और नायक में कांटे की टक्कर, कांग्रेस की बढ़त वाले ग्रामीण इलाके में भाजपा ने झोंकी ताकत

अमित गुप्ता-रायगढ़। छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, भाजपा और कांग्रेस ने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतार चुके है। रायगढ़ विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा को ग्रामीण तो कांग्रेस को शहरी वोटरों को साधने खासी मशक्कत करनी पड रही है। पिछले चुनावो में भाजपा को जहां शहर से तो वहीं कांग्रेस को ग्रामीण इलाकों से ही लीड मिलती रही है। ऐसे में दोनों ही पार्टियां कमजोर जगहों को फोकस करते हुए धुंआंधार जनसंपर्क कर रही हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल जीत का दावा भी कर रहे हैं।
ओपी चौधरी वेर्सेस प्रकाश नायक का मुकाबला
रायगढ़ विधानसभा सीट पर इस बार सियासी पारा बेहद गरमाया हुआ है, भाजपा से ओपी चौधरी चुनावी मैदान में हैं तो वहीं कांग्रेस से प्रकाश नायक चुनावी मैदान में भाजपा प्रत्याशी से दो-दो हाथ करने के लिए उतारे गए हैं। रायगढ़ सीट पर शहरी वोटरों को साधना कांग्रेस के लिए एक बडी चुनौती रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले तीन चुनावों से भाजपा लगातार शहर में लीड करती रही है। शहरी क्षेत्र में तकरीबन 90 हजार वोटर हैं। साल 2018 के चुनाव की बात करें तो भाजपा को शहर के 48 वार्डों को मिलाकर 7 हजार वोटों की लीड मिली थी, जबकि उसके पिछले चुनाव में भाजपा 9 हजार से बहुमत पर थी। इस लिहाज से शहरी वोटर भाजपा के साथ रहे हैं। लेकिन अगर ग्रामीण वोटों की बात करें तो भाजपा को पिछले चुनाव में गांवों से कम वोट मिले थे जबकि कांग्रेस ने 15 हजार वोटों से ग्रामीण इलाकों से लीड की थी। ऐसे में भाजपा ने पूरा फोकस ग्रामीण इलाकों में किया है।
शहर में भाजपा और गांव में कांग्रेस मजबूत
भाजपा पिछले तीन दिनों से लगातार पूर्वांचल क्षेत्र के अलावा सरिया बरमकेला ब्लाक के दौरे पर जुटी हुई है। भाजपा का जनसंपर्क कार्यक्रम भी ग्रामीण इलाकों में अधिक दिखाई दे रहा है। पूर्वांचल क्षेत्र तो पूर्व से ही कांग्रेस का गढ रहा है और कांग्रेस प्रत्याशी स्वयं ग्रामीण इलाके से हैं, ऐसे में शहरी वोटरों को साधना कांग्रेस के लिए चुनौती है। लिहाजा कांग्रेस शहर में लगातार जनसंपर्क कार्यक्रम चला रही है। भाजपा का कहना है कि, उनके पास ओपी चौधरी जैसा युवा चेहरा है जिससे लोगों का सीधा जुडाव है साथ ही लोग राज्य सरकार के भ्रष्टाचार और कुशाशन से भी तंग हैं तो इस बार बहुमत से भाजपा को जीत हासिल होगी। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि, युवा मितान क्लब, मोबाइल मेडिकल यूनिट जैसी योजनाओं से शहरी वोटर खुश हैं लिहाजा इस बार पुराना मिथक टूटेगा और कांग्रेस शहर से लीड करेगी।
इस सीट पर भाजपा का रहा है दबदबा
रायगढ़ विधानसभा में कुल 2 लाख 53 हजार 84 मतदाता हैं, पिछले चुनाव से लेकर अब तक पांच सालों में 31 हजार 156 मतदाता बढ़ें हैं। वर्ष 2003 के चुनाव में बीजेपी के विजय अग्रवाल ने कांग्रेस कद्दावर नेता कृष्ण कुमार गुप्ता को हराया था। 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शक्राजीत नायक ने विजय अग्रवाल को हरा कर अपनी जीत दर्ज की थी 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के रोशन लाल अग्रवाल ने शक्राजित नायक को हराकर जीत दर्ज की थी 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रकाश नायक ने 69062 वोट पाकर जीत दर्ज की थी। उन्होंने 14580 वोट के बड़े अंतर से बीजेपी के प्रत्याशी को हराया था। बीजेपी के प्रत्याशी रहे स्व रोशनलाल अग्रवाल को 54482 वोट मिला था तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी विजय अग्रवाल को 42912 वोट मिला था। विजय अग्रवाल बीजेपी से ही टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिससे बीजेपी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा रायगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां गुटबाजी की शिकार होती रहीं है।
विधायक से नाराजगी को लेकर भाजपा उत्साहित
वर्तमान विधायक प्रकाश नायक के खिलाफ एंटी इंकमबेंसी का फैक्टर होने की वजह से भाजपा जीत को लेकर उत्साहित है। रायगढ़ विधान सभा में ओपी चौधरी भाजपा प्रत्याशी बनाये गए है। ओपी चौधरी पिछले विधानसभा चुनाव में उमेश पटेल के खिलाफ खरसिया से चुनाव लड़े थे। जिसमे उनको हार का सामना करना पड़ा था। अब इस बार ओपी चौधरी रायगढ़ विधान सभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
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