अनाड़ी बिगड़ैल चालक बने मुसीबत, यलो-रेड सिग्नल जंप, इसलिए ट्रैफिक जाम, हादसे भी

राजधानी में बिगड़ैल और अनाड़ी चालक ट्रैफिक के लिए मुसीबत बन गए हैं। ट्रैफिक सिग्नल यलो और रेड होने पर वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगाते हैं जिससे न सिर्फ ग्रीन सिग्नल साइड की तरफ वाहनों का जाम लगता है बल्कि अक्सर हादसे भी हो जाते हैं। इसकी बड़ी वजह है यलो सिग्नल जलने का मतलब चालकों को पता नहीं।
एक सर्वे में करीब 80 फीसदी दोपहिया और चारपहिया वाहन चालक ऐसे मिले जिनको ट्रैफिक सिग्नल पर ग्रीन लाइट के बाद यलो लाइट जलने का मतलब पता नहीं है। वे सिर्फ यलो लाइट जलने पर होशियार व तैयार रहना जानते हैं। इसी वजह से वाहन चालक सिग्नल यलो होने के बाद भी वाहनों को दौड़ाते रहते हैं।
इससे हादसे व ट्रैफिक जाम ही नहीं बल्कि चौराहों पर लगे कैमरे से हजारों वाहनों का ऑटोमेटिक चालान भी होता है जिससे पुलिस भी परेशान हो रही है। यही नहीं सिग्नल रेड हाेने पर दूसरे साइड से वाहन घुमाकर जाने वाले भी ट्रैफिक के लिए सिरदर्द बन गए हैं।
इन चौराहों पर सर्वाधिक टूट रहे नियम
शहरभर के जयस्तंभ चौक, शास्त्री चौक, शारदा चौक, कोतवाली चौक, नलघर चौक, फाफाडीह चौक, भनपुरी चौक, महावीरनगर चौक समेत करीब 15 से अधिक चौराहों पर अनाड़ी और बिगड़ैल चालकों ने ट्रैफिक का कबाड़ा कर दिया है। इन चौराहों पर खासकर सुबह 10 से 12 बजे तक और शाम 5 से 7 बजे तक बेतहाशा ट्रैफिक नियम टूटते हैं। ट्रैफिक सिग्नल ग्रीन से यलाे और रेड होने के बाद भी चालक फर्राटे से वाहन दौड़ा देते हैं जिससे ग्रीन सिग्नल मिलने के बावजूद उक्त साइड के चालकों को आगे बढ़ने में दिक्कत होती है।
यलो सिग्नल का ये मतलब
अफसरों के मुताबिक ट्रैफिक सिग्नल को रेड से ग्रीन लाइट या ग्रीन से रेड लाइट हाेने के बाद बीच में यलो लाइट जलाई जाती है। यलो लाइट की टाइमिंग अधिकतम 5 सेकंड होती है। यलो लाइट इसलिए जलाई जाती है कि ग्रीन सिग्नल में जो वाहन तेज रफ्तार में आ रहे हैं और स्टॉप लाइन क्राॅस कर गए हैं वे सिग्नल रेड होने से पहले चौराहा क्राॅस कर जाएं और उनके पीछे की गाड़ियां स्टॉप लाइन से पहले रुक जाएं। वहीं सिग्नल पर खड़ी पब्लिक पैदल पार कर सके लेकिन ऐसा होता नहीं है।
रोज करीब 5 हजार तोड़ रहे नियम
जानकारी के मुताबिक शहरभर के चौराहों पर सर्वाधिक लोग सिग्नल ग्रीन से रेड होने पर ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं। ट्रैफिक सिग्नल जंप, स्टाॅप लाइन क्राॅस और रफ ड्राइविंग करने वाले रोज करीब 5 हजार से अधिक वाहन चालक ट्रैफिक नियम तोड़ते कैमरे में कैद होते हैं। इससे न सिर्फ पब्लिक बल्कि पुलिस की परेशानी भी बढ़ रही है।
80 फीसदी को पता नहीं नियम
राजधानी में ड्राइविंग करने वाले करीब 80 फीसदी चालकों को ट्रैफिक सिग्नल के यलो होने का मतलब नहीं पता है इसलिए चौराहों पर नियम टूट रहे हैं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS