गंगादई माता की दर पर सीएम : प्रदेश की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना

जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को बस्तर प्रवास पर है। इस दौरान उन्होंने गंगादई माता मंदिर में पूजा-अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली और सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। गंगादई माता के प्रति बस्तरवासियों की अगाध श्रद्धा है। बताया जाता है कि बस्तर रियासत की पूर्व राजधानी बस्तर में माता की प्रतिमा की उत्पत्ति बांस के जड़ को एक ग्रामीण की ओर से उसके कंद को निकालते समय अपने आप जमीन से हुई है, जिसे गंगादई माता का नाम दिया गया।
यह दन्तेश्वरी माता की ही बहन है। बाद में भव्य मंदिर का रूप दिया गया। राजा प्रवीरचंद भंजदेव भी यहाँ पूजा करने आया करते थे। यह राजा महाराजा के जमाने का मंदिर है। यह मंदिर बस्तर के 112 गांवों के लोगों के देवी आस्था का केन्द्र है। प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा को मेला भरता है, जिसमें सभी 112 गांवों के देवी देवता माता से भेंट करने आते हैं। इसी मंदिर परिसर में एक प्राकृतिक जल कुंड भी स्थित है। इस कुंड का जल कभी सूखता नहीं है। इसके जल से कई प्रकार की चर्म रोग, बीमारी ठीक हो जाती है। प्राचीन समय से कुंड के जल से ही माता का स्नान किया जाता है।
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