झीरम कांड पर सीएम बघेल का वार : बोले- BJP ने नक्सली रमन्ना और गणपति को क्यों बचाया, केंद्र में हमारी सरकार आई तो सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार को बस्तर दौरे पर हैं। वे झीरम हमले के दसवीं बरसी पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने बस्तर आए हैं। सीएम बघेल आज संभागीय मुख्यालय जगदलपुर के झीरम मेमोरियल में पहुंचे और नक्सल घटना में मारे गए नेताओं और जवानों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही उनके परिजनों से भी मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने झीरम मामले में हुई FIR से खूंखार नक्सलियों के नाम हटाने के गंभीर आरोप केन्द्र सरकार पर लगाए हैं। सीएम श्री बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बेहद हल्के ढंग से आरोप लगाती है कि झीरम हमले को लेकर भूपेश बघेल के पास जो जानकारी है उसे वे कब देंगे। विषय बहुत गंभीर है, लेकिन जिस हल्के ढंग से बीजेपी इस पर सवाल कर रही है वो दुर्भाग्यजनक है।
FIR में किया गया व्यापक षड्यंत्र
मुख्यमंत्री ने घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि झीरम हमले से पूरा देश दहल गया था। विश्व राजनीति के इतिहास में इतने बड़े राजनेताओं का एक साथ नरसंहार पहली बार हुआ था। उस समय तत्कालीन यूपीए की सरकार ने NIA की जांच स्थापित की थी। वहीं राज्य सरकार ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था। NIA की जांच शुरू हुई और उस समय जो FIR किया गया उसमें व्यापक षड्यंत्र हुआ। साल 2014 अगस्त तक उस एफआईआर में नक्सली रमन्ना और गणपति के नाम का उल्लेख था। इसमें उनकी सम्पत्ति कुर्क करने का आदेश था। थोड़ी सम्पत्ति कुर्क भी की गई बाकी छोड़ दिया गया। श्री बघेल ने कहा कि, सितम्बर 2014 में NIA ने जब कोर्ट में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की, तब आश्चर्यजनक ढंग से रमन्ना और गणपति का नाम उसमें नहीं था। अंतिम रिपोर्ट में भी उनके नाम शामिल नहीं थे।
मोदी सरकार ने रमन्ना और गणपति को क्यों बचाया?
मुख्यमंत्री ने कड़े तेवर में सवाल उठाते हुए कहा, भाजपा की मोदी सरकार ने रमन्ना और गणपति को क्यों बचाया?उनसे पूछताछ क्यों नहीं की गई? अगर FIR में किसी अपराधी का नाम दर्ज हो गया तो वह हटता नहीं है। BJP बताए कि नाम क्यों हटाया और उन्हें क्यों बचाना चाहती है? जांच के लिए जो आयोग गठित किया गया उसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को न देकर सीधे राज्यपाल को दे दिया गया। इसके बाद कांग्रेस ने भी एक जांच आयोग का गठन किया। इसको रोकने के लिए धरमलाल कौशिक ने स्टे लगाया। ये जांच में रुकावट डाल रहे हैं। ये वही धरमलाल कौशिक हैं जो नान घोटाले में भी स्टे लेकर बैठे हैं। डॉ. रमन सिंह के खास धरमलाल हर मामले में स्टे लेने जाते हैं। हम जांच के लिए SIT बनाते हैं तब NIA स्टे ले लेती है।
भाजपा जांच में बाधा उत्पन्न कर रही
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, व्यापक षड्यंत्र पर जांच चल रही थी, जैसे ही यूपीए की सरकार हटी और एनडीए की सरकार आई, मोदी प्रधानमंत्री बने, तब इसे दण्डकारण्य कमेटी की घटना मानकर जांच खत्म कर दिया। उन्होंने कहा, भाजपा जांच में बाधा उत्पन्न कर रही है। जांच आगे बढ़ नहीं रही है और हमें जांच करने नहीं दे रहे हैं। आखिर किसके कहने पर NIA के अधिकारियों ने गणपति और रमन्ना का नाम हटाया, भाजपा इसका जवाब दे। जिस दिन केंद्र में हमारी सरकार बनेगी उस दिन सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
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