विधेयक टालने के बहाने ढूंढ रहीं राज्यपाल- सीएम भूपेश बघेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार और राजभवनक के बीच टकराव के हालात बन गए हैं। आरक्षण विधेयक पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट राज्यपाल ने हस्ताक्षर न करने के संकेत दिए हैं वहीं, कांग्रेस ने फैसला किया है कि वह 3 जनवरी को आरक्षण संसोधन विधेयक को लेकर राजभवन की ओर कूच करेगी। मुख्यमत्री भूपेश बघेल ने भी राजभवन के रवैए पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की संतुष्टि के लिए सवालों के जवाब भेजे गए, लेकिन उसके बाद भी राज्यपाल विधेयक को टालने के लिए लगातार बहाना ढूंढ रही है।
उन्होंने कहा, संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। राज्यपाल का विधि सलाहकार विधानसभा से बड़ा है क्या? विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने के विरोध में कांग्रेस रायपुर में प्रदर्शन कर महारैली निकालेगी। प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में आरक्षण में हो रही देरी और कांग्रेस की रणनीति को लेकर लंबी चर्चा हुई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राज्यपाल ने पहले 10 सवाल भेजे थे, जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था, बावजूद प्रदेश के युवाओं के हित में हमने जवाब भिजवाया।
अब नया दांव चला जा रहा है कि उसका परीक्षण किया जायेगा। तो क्या विधिक सलाहकार विधानसभा से भी बड़े हो गये हैं। विधानसभा में जो पास हो गया, उसका भी परीक्षण करायेंगे अब? हम तो ढूंढ रहे हैं कौन हैं वो विधिक सलाहकार जो ऐसी सलाह दे रहे हैं? तो हम विधिक सलाहकार को ही पकड़ लेते? बताया गया है कि प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के 3 जनवरी को होने वाली महारैली में शामिल होने की संभावना है।
बहाना खोज रही हैं राज्यपाल
मुख्यमंत्री ने कहा, विधेयक को अटकाने का राज्यपाल बहाना खोज रहीं हैं। वैधानिक संस्थाओं को किस प्रकार से कमजोर या नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है, उसे समझा जा सकता है। मेरे सारे अधिकारी इस बात के विरोध में थे कि संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं कि राज्यपाल के सवालों का जवाब दिया जाए। फिर भी मैंने प्रदेश की जनता के हित में जवाब भेजे। इसके बावजूद अब तक आरक्षण विधेयक को रोका जा रहा है।
वैधानिक संस्थाओं काे कमजोर किया जा रहा
मुख्यमंत्री ने कहा, राहुल गांधी कहते हैं, जितने भी संवैधानिक संगठन हैं, उन्हें कमजोर किया जा रहा है। इसका यह जीता-जागता उदाहरण है कि विधिक सलाहकार विधानसभा से बड़ा हो गया। राज्यपाल परीक्षण करने की बात कह रहीं हैं, लेकिन परीक्षण करने का काम हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट करते हैं। अब वह काम विधिक सलाहकार करेंगे। इसी कारण से ही आरक्षण बिल रुक रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
3 को बड़ा आंदोलन, जिम्मेदार भाजपा होगी
कांग्रेस की बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, भाजपा हमेशा नफरत फैलाने का काम करती है। प्रदेश की राज्यपाल भी भाजपा के जाल में फंसी है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस का विरोध राज्यपाल के खिलाफ होगा, लखमा ने कहा कि नहीं ये प्रदर्शन भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ होगा। आरक्षण पर प्रदेश में जो परिस्थिति बनी है उसकी जिम्मेदार भाजपा ही है। 3 तारीख को बड़ा आंदोलन होगा। हम दिल्ली जाकर भी आंदोलन करेंगे।
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