मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने PM मोदी को लिखा पत्र, वैक्सीन के लिए 'एक देश-एक दाम' की मांग

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोविड वैक्सीन की राज्य में सुलभ एवं पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया है कि आगामी 1 मई से प्रस्तावित 18 वर्ष से अधिक आयु के कोविड टीकाकरण में हमने सभी लोगों को निःशुल्क वैक्सीन लगवाने का निर्णय लिया है। हमने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को 25-25 लाख डोज वैक्सीन का आदेश भी जारी कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि छत्तीसगढ़ की 2 करोड़ 90 लाख आबादी में एक आकलन के अनुसार लगभग 1 करोड़ 30 लाख लोग 18-44 वर्ष आयु समूह के हैं, जिन्हें कुल 2 करोड़ 60 लाख डोज़ लगनी है। 45 से अधिक आयु के 58.7 लाख लोगों में से 72 फीसदी का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। राज्य में फ्रंट लाइन वर्कर को मिलाकर अब तक पौने 48 लाख लोगों को कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज और 6 लाख 34 हजार लोगों को दूसरी डोज़ मिलाकर कुल 54 लाख से ज्यादा डोज़ वैक्सीन लगवाई जा चुकी है। छत्तीसगढ़ में हम प्रतिदिन 3 लाख डोज़ वैक्सीन लगाने की क्षमता रखते हैं। चूंकि हम वैक्सीनेशन की आदर्श व्यवस्था छत्तीसगढ़ में बनाना चाहते हैं इसलिये वैक्सीन की उपलब्धता, मूल्य आदि के संबंध में अत्यावश्यक जानकारियों के लिये प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन जी, सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को पत्र लिखा गया था। अब तक सिर्फ भारत बायोटेक ने ईमेल के माध्यम से लिखित में हमें अवगत कराया है कि हमारे द्वारा आदेशित 25 लाख डोज को-वैक्सीन की आपूर्ति जुलाई 2021 के अंत तक करने का प्रयास किया जायेगा। भारत बायोटेक द्वारा सिर्फ 25 लाख डोज उपलब्ध कराने के लिये 3 महीने का समय मांगा गया है तो हमें आवश्यक वैक्सीन डोज प्राप्त करने में पूरा वर्ष निकल जायेगा जो कि वैक्सीनेशन को विफल भी कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से पत्र में अनुरोध किया है कि 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिये केंद्र द्वारा बनाई गई कार्य योजना तथा उसके व्यावहारिक अमल की पद्धति से राज्यों को अवगत कराया जाये। साथ ही सभी राज्यों में वैक्सीन आबंटन जनसंख्या तथा पॉजिटिविटी रेश्यो, एक्टिव पेशेंट रेश्यो को ध्यान में रखते हुए किया जाये ताकि देश के सभी राज्यों में एक साथ वैक्सीनेशन प्रारंभ हो सके। उन्होंने पत्र में लिखा है कि आपके द्वारा वैक्सीन के दामों को लेकर आश्वासन दिया गया है। हमारा अब भी आग्रह है कि एक वैक्सीन एक दाम की नीति अवश्य लायी जाये ताकि छत्तीसगढ़ जैसे विकासशील राज्य अपने संसाधनों का अधिक मितव्ययता से कोविड संघर्ष के दूसरे आयामों पर रचनात्मक व्यय कर सकें।
मुख्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया है कि चूंकि कोविड वैक्सीन आज एक प्राणरक्षक के रूप में सामने आयी है, इस पर से सारे टैक्स हटा लिये जाने चाहिये ताकि ये कम से कम दामों पर उपलब्ध हो सके। साथ ही यह भी उल्लेखित किया है कि पूरे देश के 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिये 150-200 करोड़ वैक्सीन डोज़ की आवश्यकता होगी। भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन निर्माण क्षमता कम प्रतीत होती है जो एक साथ पूरे देश की आवश्यकताओं की पूर्ति त्वरित गति से नहीं कर पायेंगे, इसलिये सरकार वैक्सीन को लेकर अपनी इच्छा शक्ति का प्रदर्शन करे और अन्य कंपनियों में भी इन वैक्सीन का उत्पादन करवाने की व्यवस्था करे ताकि पूरे देश को वैक्सीन उपलब्ध कराने में इतना ज्यादा विलंब न हो कि वैक्सीनेशन निरर्थक साबित हो जाये।
मुख्यमंत्री ने पत्र के अंत में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि बिन्दुओं पर आप गंभीरता से विचार करते हुए हमारी पूर्व की पृच्छा और वर्तमान निवेदन दोनों के प्रकाश में ऐसे निर्णय ले पायेंगे जिससे पूरे देश में वैक्सीनेशन का काम सुचारू रूप से किया जा सके। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि हमारा छत्तीसगढ़ केंद्र सरकार के साथ कोविड के खिलाफ इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेगा और कोविड को हम मिलकर अवश्य परास्त करेंगे।
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