सीएमएचओ की मनमानी : कलेक्टर ने जिस कर्मचारी को हटाने की थी अनुशंसा, CMHO ने बिना आदेश एक साल के लिए दे दी नियुक्ति

सीएमएचओ की मनमानी : कलेक्टर ने जिस कर्मचारी को हटाने की थी अनुशंसा, CMHO ने बिना आदेश एक साल के लिए दे दी नियुक्ति
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जिला अस्पताल में सीएमएचओ और सीएस पद का दोहरा उत्तरदायित्व संभाल रहे डॉ. गंगेश पर आरोप है कि उनकी ओर से इन दिनों अपने पद का दुरुपयोग किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि डॉ. गंगेश ने उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन और अनुमोदन के बिना ही कर्मचारी की नियुक्ति कर दी। पढ़िए पूरी खबर...

पंकज भदौरिया-दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मनमानी करने का मामला सामने आया है। जिला अस्पताल में सीएमएचओ और सीएस पद का दोहरा उत्तरदायित्व संभाल रहे डॉ. गंगेश पर आरोप है कि उनकी ओर से इन दिनों अपने पद का दुरुपयोग किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि डॉ. गंगेश ने एक महिला संविदा कर्मचारी की संविदा पद पर भर्ती में समयावधि बढ़ाने के लिए कलेक्टर सह अध्यक्ष और जिला स्वास्थ्य समिति के अनुमोदित पत्र से की गई अनुशंसा को दरकिनार कर दिया और उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन और अनुमोदन के बिना ही कर्मचारी की नियुक्ति कर दी। इतना ही नहीं डॉ. गंगेश ने बिना कलेक्टर की अनुशंसा के दुबारा सेकेट्रीयल असिस्टेंट सुतापा कुंडू को एक वर्ष के लिए नियुक्त कर लिया है।

पूर्व कलेक्टर ने की थी संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्त

उल्लेखनीय है कि उस संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्ति की अनुशंसा पूर्व कलेक्टर दीपक सोनी ने कि थी। वहीं विभागीय नियमों की बात करें तो सुतापा को पुनः नियुक्त करने के लिए कलेक्टर की फिर से अनुशंसा लेनी आवश्यक है, लेकिन दंतेवाड़ा अस्पताल वैसे भी नियम विरुद्ध काम करने में सुर्खियां बटोर चुका है। चाहे नियम विरुद्ध टूल्स, इक्विपमेंट्स और दवाइयां खरीदने की बात हो या फिर चहेते कर्मचारी की नियुक्ति, नियम विरुद्ध कार्यों के लिए जिला अस्पताल और यहां के अधिकारी हमेशा ही चर्चा का विषय रहे हैं। ऐसी भर्तियों को मनमाने ढंग से जिला अस्पताल में लगातार किया जा रहा है। उस पर दंतेवाड़ा कलेक्टर को गुमराह रखकर सारा खेल पीछे से खेला जा रहा है।

कलेक्टर के आदेश के बिना ही कर दी पुनः नियुक्ति

22 जुलाई को क्लेक्टर की ओर से अनुमोदित पत्र सुतापा कुंडू की संविदा सेवा समाप्ति के लिए सीएमएचओ की ओर से संविदा कर्मी को दिया गया। लेकिन इसके उलट 10 अगस्त को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व सिविल सर्जन ने सुतापा के अच्छे कार्य की अनुशंसा करते हुए मिशन संचालक को पत्र भेजकर सेवा में 1 वर्ष समयावधि बढ़ा दी, जबकि यहां मिशन संचालक ने इनकी पुनः नियुक्ति संबंधी कोई दिशा निर्देश नहीं दिए। बल्कि 2019 में इनकी सेवा समाप्ति का आदेश मिशन संचालक ने अवश्य दिया था। इसका पालन चार साल बाद 2022 में किया गया और महीने भर के भीतर ही मिशन संचालक के आदेश और कलेक्टर के अनुमोदन को ठेंगा दिखाते हुए डॉ. गंगेश ने इनकी पुनः नियुक्ति कर दी।


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