इन्द्रावती नदी के पार धुर नक्सली इलाके में पहुंचे कलेक्टर और SP, बाइक से किया दौरा

दंतेवाड़ा: इंद्रावती नदी को एक तरफ जहां बस्तर की जीवन दायिनी कहा जाता है तो वहीं दूसरी तरफ यह नक्सलियों के लिए सुरक्षा कवच भी है। नदी पार का इलाका पूरी तरह से नक्सलियों के कब्जे में है। फिलहाल, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में करोड़ों रुपए की लागत से कुल 4 बड़े पुल बन रहे हैं। दंतेवाड़ा के छिंदनार-पाहुरनार घाट पर पुल बनने का काम भी पूरा हो गया है। इस पुल से ग्रामीणों की आवाजाही भी शुरू हो गई। पुल बनने के बाद पहली बार अफसर नदी पार के गांवों में पहुंचे। 3 दिन पहले फोर्स ने 5 लाख रुपए के इनामी नक्सली रामसू को मुठभेड़ में ढेर किया। जिसके बाद अब यहाँ हालात बदल रहे, रामसू इस इलाके में विकास पर रोड़ा बना हुआ था। उसकी मौत के बाद अब ग्रामीण भी खुलकर अपनी बात रख रहे हैं।
अफसरों ने इंद्रावती नदी पार के पाहुरनार समेत कुल 4 गांवों के लिए शिविर लगाया था। लेकिन जब इस इलाके के अन्य गांवों के लोगों को शिविर के बारे में पता चला तो 4 की जगह 10 गांवों के लोग इस शिविर का हिस्सा बनने पहुंच गए। ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्या बताई। इंद्रावती नदी से लेकर पाहुरनार गांव तक सड़क निर्माण का काम चल रहा है। यहां सड़क बनाना भी एक बड़ी चुनौती है। सड़क निर्माण की सुरक्षा में लगे जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने कई IED प्लांट कर रखी थी। जिसे जवानों ने बरामद किया और मौके पर ही डिफ्यूज किया है। IED की चपेट में आने से एक जवान भी शहीद हुआ था। नक्सली सड़क निर्माण कार्य में रोड़ा बन रहे थे। कलेक्टर दीपक सोनी और SP डॉ अभिषेक पल्लव ने सड़क निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया। हार्डकोर नक्सली मल्लेस और अजय इस इलाके में अब भी सक्रिय है।
• नदी पार का माड़ इलाका नक्सलियों का गढ़ रहा है।
• आज भी नक्सलियों का यहां आना- जाना लगा रहता है।
• विकास मांगने वाले सरपंच को साल 2018 में नक्सलियों ने मार डाला। उनके परिवार को भी गांवों से बेदखल किया। ग्रामीणों की भी पिटाई की थी।
• मार्च 2021 को इसी गांव में ब्लास्ट हुआ, जवान की शहादत हुई थी।
• विकास की मांग करने व अफसरों से नजदीकी रखने वाले ग्रामीणों को नक्सली टारगेट बनाते आए हैं।
• 3 दिन पहले इस इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर पहुंची फोर्स के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें 5 लाख का इनामी नक्सली मारा गया।
ग्रामीणों ने अफसरों को बताया कि, उनके गांव के पारा मोहल्ला में बिजली नहीं है। आंगनबाड़ी केंद्र की भी जरूरत है। पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इन मूलभूत समस्याओं को सुनकर कलेक्टर दीपक सोनी ने फौरन इन कामों को करवाने की स्वीकृति दे दी।
• ग्रामीणों के आधार कार्ड, राशन कार्ड समेत अन्य दस्तावेज बने। ग्रामीण को कोविड का टीका लगाया।
• पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, बिजली, पीडीएस दुकान निर्माण का काम होगा।
• चेरपाल, कौरगांव में राशन दुकान स्वीकृत।
• जल जीवन मिशन में हर घर पानी पहुंचाने का काम होगा।
• 2 करोड़ रुपए बिजली के लिए स्वीकृत।
• मनरेगा के साढ़े 4 करोड़ के 161 काम स्वीकृत हुए।
• 3 महीने में सभी पात्र ग्रामीणों को पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। इंद्रावती नदी पर पुल बनने के बाद ग्रामीणों की आवाजाही शुरू हो गई है
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