कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस : सीएम बोले-विरोध से परहेज नहीं, लेकिन माहौल बिगाड़ने की साजिश बर्दाश्त नहीं

कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस : सीएम बोले-विरोध से परहेज नहीं, लेकिन माहौल बिगाड़ने की साजिश बर्दाश्त नहीं
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी के प्रदेश के कलेक्टर्स की कॉन्फ्रेंस लेते हुए कहा है कि कवर्धा की घटना से सबक लेना होगी। विरोध प्रदर्शन से परहेज नहीं है, लेकिन विरोध की आड़ में माहौल बिगाड़ने की कोशिशों और साजिशों को रोकना पुलिस और प्रशासन तंत्र का काम है। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रायपुर के न्यू सर्किट हाउस ऑडिटोरियम में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस हो रही है। इसमें कवर्धा में हुई साम्प्रदायिक हिंसा का सबक याद दिलाया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, मुझे विरोध प्रदर्शन से परहेज नहीं है, लेकिन माहौल बिगाड़ने की साजिश को सफल नहीं होने दिया जाना है। इसके लिए जिले का मजबूत सूचना तंत्र विकसित करें।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, प्रशासन की सजगता से ही कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो सकती है। संचार क्रांति के दौर में एक स्थान की घटना का असर पूरे प्रदेश और देश में होता है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी बहुत अधिक है। छत्तीसगढ़ शांति का टापू है। यहां कानून-व्यवस्था को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा, आज के दौर में सूचना ही शक्ति है। ऐसे में सोशल मीडिया का पर्यवेक्षण जरूरी है। जिला प्रशासन का सूचना तंत्र सुदृढ़ किया जाना जरूरी है। गलत तथ्यों का खंडन करें, अफवाह न फैलने दें। प्रशासन का इकबाल होना चाहिए। हर हाल में सौहार्द्र का वातावरण बना रहना चाहिए। साम्प्रदायिक सद्भाव छत्तीसगढ़ी संस्कृति की पहचान है, किसी भी व्यक्ति या संस्था को इसे बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला दंडाधिकारी (कलेक्टर) की है। जिला दंडाधिकारी को टीम लीडर के रूप में कार्य करना है। जिला दंडाधिकारी साप्ताहिक समीक्षा बैठक से पहले जिले पुलिस अधीक्षक, कार्यपालिक दंडाधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा कर लिया करें। इस बैठक में पिछले सप्ताह की स्थिति की समीक्षा की जाए और आने वाले सप्ताह में कानून-व्यवस्था की चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाएं और रणनीतिक योजना बनाएं। लोगों के बीच शासन-प्रशासन की पैठ स्थापित होनी चाहिए।

वरिष्ठ अधिकारियों ने समीक्षा के जो बिंदु तय किए हैं उनमें लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत मिले आवेदनों का निपटारा, राजस्व विभाग के तहत नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा के प्रकरणों का निपटारा तथा खरीफ 2021 के अंतर्गत गिरदावरी कार्य की प्रगति शामिल है। समीक्षा के बिंदुओं में नजूल भूमि के व्यवस्थापन, आवंटन, नजूल एवं आबादी भूमि फ्री होल्ड की स्थिति, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में अब तक पंजीकृत मजदूरों की स्थिति की समीक्षा को भी शामिल किया गया है।

कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस के अगले दिन यानी शुक्रवार को पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों की बैठक होनी है। इस IG-SP कॉन्फ्रेंस में पुलिस व्यवस्था और अपराध नियंत्रण की समीक्षा होनी है।

डॉ. रमन बोले-यहां प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं


कलेक्टर कॉन्फ्रेंस पर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह का बयान आया है कि प्रशासन नाम की चीज़ छत्तीसगढ़ में है ही नही। ट्रांसफर, पोस्टिंग का खेल खेला जा रहा है। पहले कलेक्टर शब्द कलेक्टिंग एजेंट था, भूपेश सरकार ने उसे शत-प्रतिशत सच साबित कर दिया है। बीजेपी के 15 साल की समीक्षा पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि 15 साल की समीक्षा बारीकी से कर लें, आंखें खुल जाएंगी। वह छत्तीसगढ़ का स्वर्णिम युग था।

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