चाकूबाज अलग से पहचाने जाएँगे : राजधानी पुलिस के रिकॉर्ड में चाकूबाजी पर भी कॉलम, डीएसआर और मंथली रिपोर्ट में चाकूबाजी पर 12 कॉलम..

रायपुर। राजधानी में पुलिस अब डीएसआर और मंथली रिपोर्ट में एक शीर्षक चाकूबाजी का भी होगा। इस शीर्षक में बारह कॉलम बनाए गए हैं। राजधानी पुलिस इसके पृथक ब्यौरे से बेहतर विश्लेषण चाहती है, जिससे नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ में पहली बार रायपुर पुलिस ऐसा प्रयोग करने जा रही है।
चाकूबाजी अब तक की जितनी घटनाएं हुई हैं, उनमें आरोपियों को पकड़े जाने का रिकॉर्ड शत प्रतिशत है। लेकिन लगातार बढ़ती छूरेबाजी की घटनाओं ने इस पर और प्रभावी नियंत्रण की क़वायद करने की जरुरत बताई है। इस वजह से डीएसआर और मंथली रिपोर्ट में अब छूरेबाजी के नाम से पृथक ब्यौरा दर्ज होगा। इस शीर्षक से बारह कॉलम बनाए गए हैं, जिनमें पीड़ित और छूरेबाज के बीच संबंध ( पारिवारिक/मित्र/परिचित/अपरिचित),घटना में प्रयुक्त चाकू का प्रकार ( घरेलु/ग़ैर घरेलु/बटनदार),चाकूबाजी का कारण ( प्रथम दृष्टया ),चाकूबाज द्वारा पूर्व में घटित अपराध जैसे कॉलम शामिल हैं।
एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि लगातार हो रही चाकूबाजी की घटनाओं पर कार्यवाही की गई है। बल्कि हर आरोपी जेल दाखिल हुआ है, लेकिन हम इस पर और प्रभावी नियंत्रण चाहते हैं। इसलिए अब इसका पृथक से ब्यौरा रखा जाएगा। हमने पाया है कि अपराध में इस्तेमाल होने वाले छूरे फ्लिपकार्ट और अमेजन से आनलाइन मंगाए गए हैं, उन एजेंसियों को भी पत्र भेजा जाएगा। छूरे होम डिलीवरी एजेंसियों से घर बैठे मिलते हैं। राजधानी पुलिस अब इस क़वायद में है कि होम डिलीवरी एजेंसियां डिलीवरी के ठीक पहले पुलिस को भी सूचित करें कि किस व्यक्ति ने छूरे/चाकू का ऑर्डर किया है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS