'धान खराब हुआ, तो समितियां जिम्मेदार... पर्याप्त पैसे दिए गए हैं...'

रायपुर। प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मौसम परिवर्तन की स्थिति में धान के रखरखाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। न्होंने कहा कि धान खरीदी की समस्त व्यवस्थाओं के लिए पर्याप्त राशि समितियों को दे दी गई। समिति को निर्देश है कि धान किसी भी स्थिति में खराब नहीं होने चाहिए। धान के नुकसान के लिए समितियां जिम्मेदार होंगी। विभाग के सचिव समेत सभी अफसरों और कर्मचारियों को निर्देश दिये गए हैं कि धान के रखरखाव और परिवहन में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने धान के रखरखाव में अव्यवस्था का आरोप लगाया है। इस आरोप पर मंत्री भगत ने कहा कि भाजपा नेताओं के पास एकमात्र काम बयानबाजी है। वे लोगों को भड़काते और उकसाते हैं। वे केवल बयानबाजी से राजनीति करना चाहते हैं, जो कि संभव नहीं है।
मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी ने रिकॉर्ड तोड़ा है। 20 लाख मीट्रिक टन धान के निराकरण व समाधान के लिए हमने पॉलिसी बनाई है। शेष 40 लाख मीट्रिक टन धान के लिए हमने भारत सरकार के खाद्य मंत्री को पत्र लिखा है। केन्द्र ने हमें सहमति दी थी कि राज्य का 60 लाख मीट्रिक टन केंद्रीय पुल में चावल जमा होगा, लेकिन अनुबंध करने की बारी आई तो 24 लाख मैट्रिक टन का ही उन्होंने दिया है।
मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सभी विभाग चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या का समाधान हो। समाधान के लिए वहां के किसान और आदिवासियों से हमें धान खरीदना पड़ेगा। हम उन्हें छोड़ नहीं सकते। इसलिए हमने पुनः स्मरण पत्र लिखा है और कहा कि सरकार त्वरित निर्णय ले।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा एक्साइज ड्यूटी को लेकर केन्द्र को लिखे गए पर मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शुरू से ही प्रदेश के हित को ध्यान में रखते हुए पक्ष रखते आ रहे हैं। केन्द्र सरकार सुनना नहीं चाहती। राज्य का हक, उसे मिलना चाहिए।
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