केंद्रीय मंत्रियों पर कांग्रेस का वार : ऐसा लग रहा है मानो केंद्रीय मंत्री नहीं भाजपा के प्रवक्ता आए हैं

केंद्रीय मंत्रियों पर कांग्रेस का वार : ऐसा लग रहा है मानो केंद्रीय मंत्री नहीं भाजपा के प्रवक्ता आए हैं
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जिस तरह से केंद्रीय मंत्री आकर राज्य सरकार की आलोचना और बयानबाजी कर रहे हैं उससे लगता है वो केंदीय मंत्री नहीं भाजपा के प्रवक्ता हैं। श्री देवांगन ने कहा कि, मंत्री श्री सिंधिया ने केंद्र सरकार द्वारा राज्य को 1 लाख करोड़ देने की झूठी बात कही। कांग्रेस नेताओं ने आर क्या-क्या कहा, पढ़िए...

रायपुर। भाजपा के देशव्यापी अभियान के तहत केंद्रीय मंत्रियों के छत्तीसगढ़ प्रवास को लेकर आज कांग्रेस नेताओं ने प्रैस कान्फ्रेंस कर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गिरीश देवांगन ने कहा- केंद्रीय मंत्रियों का दौरा एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन जिस तरह से केंद्रीय मंत्री आकर राज्य सरकार की आलोचना और बयानबाजी कर रहे हैं उससे लगता है वो केंदीय मंत्री नहीं भाजपा के प्रवक्ता हैं। श्री देवांगन ने कहा कि, मंत्री श्री सिंधिया ने केंद्र सरकार द्वारा राज्य को 1 लाख करोड़ देने की झूठी बात कही।

सिंधिया ने राज्य में विमानन सेवा के विस्तार के लिए कोई बात नहीं की, लेकिन राज्य सरकार की योजनाओं की जरूर आलोचना की। इसी तरह अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने भी छत्तीसगढ़ को कुछ नहीं दिया। केंद्र ने छत्तीसगढ़ को दिए जाने वाले हक में कटौती की है। वहीं पार्टी के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधियां ने कहा- 3 साल में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को 1 लाख करोड़ से अधिक राशि दी है, जबकि यूपीए सरकार ने 3 साल में 1 लाख 72 हजार करोड़ दिए। उन्होंने कहा, सिंधिया जी केंद्र से मिली राशि को खैरात की तरह बता रहे थे। खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कहा- केंद्रीय मंत्रियों के दौरे से छत्तीसगढ़ को क्या लाभ मिला? ये मंत्री, केंद्रीय मंत्री की तरह नहीं बल्कि बीजेपी नेता की तरह बात कर रहें हैं। योजनाओं की कमियों को दूर करने के लिए केंद्र से और राशि या सहयोग की बात करने के बजाय केवल राज्य सरकार की आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा- केंद्रीय मंत्रियों का दौरा आकांक्षी जिलों की कमियों को दूर करने के बजाय अपनी आकांक्षा को पूरा करने के लिए है। केंद्र सरकार ने अपनी लगभग सभी योजनाओं में केन्द्रांश को घटा दिया है। जिन योजनाओं में पहले 80 से 90 प्रतिशत राशि मिलती थी, उसे घटाकर 50 से 60 प्रतिशत कर दिया गया है।

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