Congress Convention : राहुल गांधी बोले… RSS - भाजपा सत्ताग्रही और हम सत्याग्रही हैं... पूरी सरकार अडानी को बचाने में लगी है...

रायपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नवा रायपुर में आयोजित पार्टी के 85वें अधिवेशन में आज अपना संबोधन दिया। राहुल ने कहा कि RSS भाजपा और हमने अंतर है. हम सत्याग्रही हैं वो सत्ताग्रही हैं।
मैंने संसद में अडानी पर आक्रमण किया। मैंने पूछा अडानी 609 से दूसरे नंबर पर कैसे पहुंचे? मैंने सिर्फ यही पूछा था मोदीजी का अडानी से रिश्ता क्या है? पूरी की पूरी सरकार सारे मंत्री अडानी की रक्षा करने लग गए। अडानी पर आक्रमण करने वाले को देशद्रोही कहा जाता है। भाजपा और RSS अडानी की रक्षा कर रही है। आखिर अडानी में ऐसा क्या है कि पूरी सरकार को उनकी रक्षा करनी पड़ रही है? इससे पहले संबोधन का आगाज उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के साथ किया।
भारत माता ने मुझे मैसेज दिया
राहुल गांधी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कन्याकुमारी से श्रीनगर तक हमने यात्रा की। हमारे साथ इस यात्रा में लागों लोग चले। ठंड, गर्मी बारिश में भी हम सब साथ चलते रहे। यात्रा के दौरान हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। पहले तो लोगों से बातचीत करते हुए बोलने की जरूरत होती थी। बाद में बगैर कुछ कहे मैंने लोगों का दर्द, तकलीफ समझ ली। भारत माता ने मुझे मैसेज दिया। अगर दिल से चलने निकले हो तो अपने भीतर से घमंड मिटाओ। मैंने यह बात सुनी और धीरे धीरे मेरी आवाज शांत होती गई।
मैं लोगों की बात सुनने लगा
पहले मैं लोगों को अपनी बात समझाने की कोशिश करता था। समय बीतने के साथ यह सब बंद हो गया और मैं लोगों की बात सुनने लगा। जब मैं जम्मू कश्मीर पहुंचा तो बिल्कुल चुप हो गया। पहली बार मैंने चुनाव के बारे में तब जाना जब हमें घर बदलना पडा। पहले मैं अपना घर समझता था पर मां ने बताया कि जहां हम रहते हैं वह सरकारी घर है। 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है। मैं आज भी जहां रहता हूं वह मेरा घर नहीं है। यात्रा शुरू हुई तो मैंने अपने स्टाफ के लोगों से कहा। यात्रा के दौरान लोग जहां हमसे मिलने आएंगे वही हमारा घर होगा। लोगों को लगना चाहिए कि मैं अपने घर आया हूं।
मैं बता नहीं सकता
लोग मेरे साथ राजनीतिक बात भी नहीं कर रहे थे। हिंदुस्तान की महिलाओं ने देश के बारे में क्या कहा मैं बता नहीं सकता। हिंदुस्तान के युवाओं के दिल में क्या है मैं बता नहीं सकता। राहुल गांधी ने कहा, 'आपने बोट रेस देखी होगी। मैं बोट में बैठा था। मेरे पैर में भयंकर दर्द था। मैं उस फोटो में मुस्कुरा रहा हूं, मगर मेरे दिल के अंदर रोना आ रहा था। मैंने यात्रा शुरू की। फिट आदमी हूं। 10-12 किलोमीटर ऐसे ही दौड़ लेता हूं। घमंड था कि 20-25 किलोमीटर चलने में कौन सी बड़ी बात है। पुरानी चोट थी। कॉलेज में चोट लगी थी फुटबॉल खेलते वक्त। मैं दौड़ रहा था दोस्त ने अड़ंगी मार दी थी। वो दर्द गायब हो गया था। जैसे ही यात्रा शुरू की, दर्द वापस आ गया। आप मेरा परिवार हो तो आपसे कह सकता हूं कि सुबह उठकर सोचता था कैसे चला जाए। उसके बाद सोचता था कि 25 किलोमीटर नहीं 3 हजार 500 किलोमीटर चलना है, कैसे चलूंगा। फिर कंटेनर से उतरता था चल देता था। लोगों से मिलता था।
10-15 दिन में अहंकार और घमंड गायब
पहले 10-15 दिन में अहंकार और घमंड गायब हो गया। क्यों गायब हुआ। क्योंकि भारत माता ने मैसेज दिया था कि तुम निकले हो कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए तो अपने दिल से अहंकार मिटा दो। नहीं तो मत चलो। मुझे ये बात सुननी पड़ी। मुझमें इतनी शक्ति नहीं थी कि ये बात ना सुनूं। राहुल ने कहा कि यात्रा में मेरे साथ लोग थे। लाखों लोग थे। मैं सोचता था कि मैं क्या कर रहा हूं। मकसद क्या है। मैंने अपने दफ्तर के लोगों को बुलाया। उनसे कहा कि भीड़ है लोगों को धक्का लगेगा, चोट लगेगी। हमें एक काम करना है कि मेरे साइड में 20-25 फीट तक जो जगह है, वो हमारा घर है। ये घर हमारे साथ चलेगा। सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक ये घर साथ चलेगा।
यात्रा जादू से बदल गई
मैंने सबसे कहा कि इस घर में जो भी आएगा, अमीर हो चाहे गरीब, बुजुर्ग हो, युवा हो या बच्चा, किसी भी धर्म, किसी भी राज्य का हो, हिंदुस्तान से बाहर का हो, जानवर हो, उसे ये लगना चाहिए कि मैं आज अपने घर आया हूं। जब वो यहां से जाए तो उसे लगना चाहिए कि मैं घर को छोड़कर जा रहा हूं। जिस दिन ऐसा हुआ यात्रा जादू से बदल गई। लोग राजनीति की बात नहीं करते थे। हिंदुस्तान के लोगों ने महिलाओं ने इस देश के बारे में मुझसे जो कहा, वो आपको बता नहीं सकता। युवाओं का दर्द आपको नहीं समझा सकता।'
तिरंगा ही तिरंगा नजर आ रहा था
हिंदुस्तान के सबसे आतंक प्रभावित क्षेत्र में भी तिरंगा ही तिरंगा नजर आ रहा था। एक जिले में नहीं पूरे कश्मीर में हजारों लोग तिरंगा लिए खडे थे। CRPF के लोग भी मुझसे कह रहे थे कि ऐसा तो हमने कभी नहीं देखा। संसद में मैंने प्रधानमंत्री का भाषण सुना। वे कह रहे थे मैंने भी लाल चौक में तिरंगा फहराया था। मोदी जी ने भाजपा के 15-20 लोगों के साथ तिरंगा फहराया। हमने लाखों लोगों के साथ तिरंगा फहराया। हमने तिरंगे की भावना वहां के लोगों के दिलों में डालने का काम किया। मोदीजी ने इस भावना को उनसे छीनने का काम किया है। वहां लोगों ने मुझसे कहा आपने हम पर भरोसा किया इसलिए हम आपके साथ चले. तिरंगा हमारी भावनाओं का प्रतीक है, इसे हमने पूरे देश में पहुंचाया। ये काम राहुल गांधी ने नहीं हमारे कार्यकर्ताओं और देश की जनता ने किया है।
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