फ्लाईओवर के निर्माण का कार्य सुस्त, टाटीबंध चौक बना सबसे खतरनाक चौक

फ्लाईओवर के निर्माण का कार्य सुस्त, टाटीबंध चौक बना सबसे खतरनाक चौक
X
राजधानी रायपुर का टाटीबंध चौक जिले का सबसे खतरनाक चौक बन गया है। इस चौक को ब्लैक स्पॉट भी घोषित किया गया है।

रायपुर। राजधानी रायपुर का टाटीबंध चौक जिले का सबसे खतरनाक चौक बन गया है। इस चौक को ब्लैक स्पॉट भी घोषित किया गया है। इस चौक पर पिछले वर्षों में सैकड़ों सड़क हादसे हो चुके हैं, जिसमें न जानें कितने लोगों की जान भी जा चुकी है। इस चौक पर बार-बार होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा यहां तीन फ्लाईओवर का निर्माण कराया जा रहा है। इसका निर्माण शुरू होने के बाद लोग यह मान चुके थे कि अब टाटीबंध चौक पर होने वाले हादसों में भी कमी आएगी, लेकिन जब से फ्लाईओवर निर्माण प्रारंभ हुआ है, तब से लेकर अब तक टाटीबंध चौक में 100 से अधिक छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं, जिसमें 25 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस हादसे की बड़ी वजह फ्लाईओवर का धीमा निर्माण तो है, साथ ही खराब सर्विस रोड, लाइट की कमी एवं बेलगाम भारी गाड़ियां हैं, जो सर्विस रोड पर तेज रफ्तार से दौड़ रही है।

टाटीबंध चौक पर 500 मीटर की सड़क वर्षों से बन रही

टाटीबंध चौक पर करीब 120 करोड़ की लागत से बन रहे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 2018 से चल रहा है, जो अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है। एक ओर जहां फ्लाईओवर का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है, वहीं दूसरी ओर फ्लाईओवर के नीचे से गुजरी सर्विस रोड को अब तक ठीक नहीं किया गया है। फ्लाईओवर निर्माण के कारण सर्विस रोड पर पहले से ज्यादा ट्रैफिक दबाव भी बढ़ा है, इसके कारण सर्विस रोड पर प्रतिदिन कई बार जाम की स्थिति बनती रहती है, साथ ही धूल के उठते गुबार से भी लोग हलाकान हो रहे हैं।

प्रतिदिन ढाई लाख से ज्यादा वाहनों की आवाजाही

टाटीबंध चौक से प्रतिदिन ढाई लाख से अधिक गाड़ियों का आवागमन होता है। इस चौक से रायपुर सिटी से लेकर मंदिर हसौद, धमतरी और बिलासपुर रोड से आने वाले भारी वाहनों के अलावा भिलाई की तरफ से आने वाली गाड़ियों की भी 24 घंटे आवाजाही लगी रहती है, जिससे यहां सबसे ज्यादा ट्रैफिक का दबाव बना रहता है।

सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में अफसरों के सभी दावे फेल

टाटीबंध चौक पर कछुआ गति से चल रहे फ्लाईओवर निर्माण के कारण अब तक यहां हुए सड़क हादसों में कई लोगों की जान चली गई है। इन हादसों को राेकने के लिए रायपुर में पिछले साल 2022 में सितंबर से लेकर दिसंबर माह तक करीब चार बार सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें भी हो चुकी हैं। इन बैठकों में टाटीबंध फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जब तक पूर्ण नहीं हो जाता, तब तक सर्विस रोड का डामरीकरण, लाइटिंग व्यवस्था आदि कार्यों को दुरुस्त करने जैसे सुझाव भी दिए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद निर्माण एजेंसी के अधिकारी इन सुझाव पर अमल नहीं कर रहे हैं। इस कारण टाटीबंध चौक पर हमेशा सड़क हादसे की आशंका बनी रहती है।

अफसरों को पता है, क्यों हो रहे हादसे, फिर भी कुछ नहीं कर रहे

फ्लाईओवर के निर्माण के बीच पिछले तीन हफ्तों में यहां 4 से 5 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सभी की मौत किस कारण से हुई, यह जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन से लेकर एनएचएआई के अफसर भी जानते हैं, लेकिन इसके बावजूद इन हादसों को रोकने के लिए उनके द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

मार्च-अप्रैल तक फ्लाईओवर पूर्ण होने के आसार

कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर भुरे ने धीमी गति से चल रहे टाटीबंध फ्लाईओवर के निर्माण कार्य पर नाराजगी जताते हुए इसे 26 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस निर्देश के बाद भी फ्लाईओवर का निर्माण कार्य सुस्त गति से ही चल रहा है। अब मार्च या अप्रैल माह तक ही फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूर्ण होने की संभावना जताई जा रही है।

Tags

Next Story