धर्मांतरण पर बवाल जारी : राजभवन पहुंचा आदिवासी समाज, कहा- ग्रामसभा की अनुमति के बिना रामायण, महाभारत और यीशु मसीह का प्रचार न हो

धर्मांतरण पर बवाल जारी : राजभवन पहुंचा आदिवासी समाज, कहा- ग्रामसभा की अनुमति के बिना रामायण, महाभारत और यीशु मसीह का प्रचार न हो
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र्मांतरण को लेकर मचे बवाल के बीच सर्व आदिवासी समाज बुधवार को राजभवन पहुंचे। यहां उन्होंने राज्यपाल को मांग पत्र और हिंदुओं-ईसाईयों दोनों पर धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगाया है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्थित नारायणपुर जिले में धर्मांतरण को लेकर मचे बवाल के बीच सर्व आदिवासी समाज बुधवार को राजभवन पहुंचे। यहां उन्होंने राज्यपाल को मांग पत्र और हिंदुओं-ईसाईयों दोनों पर धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगाया है। सर्व आदिवासी समाज के सोहन पोटाई धड़े, कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे और गोंडवाना गोंड महासभा के अध्यक्ष अकबर राम कोर्राम की अगुवाई में कई जिलों और आदिवासी समुदायों के पदाधिकारी बुधवार को राजभवन पहुंचे थे। इस दौरान समाज की ओर से राज्यपाल अनुसूईया उइके को एक मांगपत्र सौंपा गया। इसमें कहा गया कि धर्मांतरण की वजह से बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों के बीच वैचारिक मतभेद बढ़ रहा है। हिंदू समाज और ईसाई समाज की ओर से हिंदुओं का लगातार धर्मांतरण किया जा रहा है। यह आदिवासियों के हित में उचित नहीं है।

खराब हो रहा समाज का माहौल

राजभवन में अपनी बात रखते हुए कांकेर गोंडवाना समाज के अध्यक्ष मानक दरपट्‌टी ने कहा, बस्तर एक अजीब स्थिति से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि, नारायणपुर में धर्मांतरण के नाम पर जैसा वातावरण बना है वह किसी से छिपा नहीं है। धार्मिक उन्माद बढ़ रहा है। आदिवासी को ईसाई बनाने का काम हो चाहे हिंदू लोगों को आदिवासी को अपने पक्ष में करने की कोशिश, इन दाेनों की वजह से वहां आदिवासी मर रहा है। वहां बाहरी लोग जाकर आदिवासियों को अपने मत में डाइवर्ट करने की कोशिश में हैं। इसकी वजह से समाज का माहौल खराब हो रहा है। दरपट्‌टी ने कहा, राज्यपाल पांचवी अनुसूची प्रशासित क्षेत्रों की संरक्षक हैं। ऐसे में वे वहां स्थिति संभालें। उनकी मांग है, ग्राम सभा की अनुमति के बिना रामायण, महाभारत और यीशु मसीह का प्रचार नहीं होना चाहिए। सर्व आदिवासी समाज का सोहन पोटाई धड़ा आरक्षण विधेयकों पर राज्यपाल अनुसूईया उइके के रुख का समर्थन कर आया।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचने में देरी की : बीएस रावटे

समाज के कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे ने कहा कि, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचने में देरी की। इसकी वजह से समाज को राहत नहीं मिल पाई, जो विधेयक लाया गया है उसमें आदिवासियों की 12 बढ़ी हुई जातियों की संख्या को शामिल नहीं किया गया है। वैसा होता तो आदिवासी समाज का अनुपात 40% तक पहुंच जाता। मानक दरपट्‌टी ने कहा, आदिवासी समाज की गवर्नर के खिलाफ आदिवासी समाज को खड़ा करने की कोशिश हो रही है। राज्यपाल को बदनाम करने के लिए सर्व आदिवासी समाज के नाम का उपयोग किया जा रहा है। एक दिन पहले आपके खिलाफ जो आंदोलन हुआ उसमें सर्व आदिवासी समाज की भागीदारी नहीं थी।

जिलों का दौरा करेंगी राज्यपाल

सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए राज्यपाल अनुसूईया उइके ने पांचवी अनुसूची क्षेत्र में राज्यपाल की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए केंद्र सरकार से पत्राचार का आश्वासन दिया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आदिवासी हितों के संरक्षण के लिए वे हरसंभव प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए वे जिलों का दौरा करेंगी और स्थानीय प्रशासन को आदिवासी समुदाय की कठिनाइयों का समाधान करने के निर्देश देंगी।


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