महानदी पर तकरार: जल विवाद न्यायाधिकरण की टीम पहुंचेगी छत्तीसगढ़, 40 सालों से चल रहा विवाद...क्या अब होगा निपटारा ?

महानदी पर तकरार: जल विवाद न्यायाधिकरण की टीम पहुंचेगी छत्तीसगढ़, 40 सालों से चल रहा विवाद...क्या अब होगा निपटारा ?
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महानदी के जल पर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए जल विवाद न्यायाधिकरण की टीम छत्तीसगढ़ आने वाली है...क्या 40 साल पुराने विवाद का निपटारा अब हो जाएगा...पढ़े पूरी खबर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में महानदी के पानी के इस्तेमाल को लेकर 40 सालों से विवाद चल रहा है। इस विवाद को खत्म करने के लिए आज जल विवाद न्यायाधिकरण की टीम आने वाली है। न्यायाधिकरण अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट न्यायधीश एएन खानविलकर की टीम पहुंचने वाली है। इस मसले को लेकर ओडिशा की सरकार ने 2016 में शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया, जिसके बाद 2018 में इस मामले को सुलझाने के लिए ट्रिब्यूनल टीम का गठन किया गया था। बता दें, छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग के मंत्री रविंद्र चौबे ने अधिकारियों की बैठक ली थी और न्यायाधिकरण की टीम के दौरे के लिए पहले से तैयारी के आदेश दिए थे।

कितना पानी छत्तीसगढ़ में है और कितना ओडिशा के पास...

महानदी का 53 प्रतिशत छत्तीसगढ़ के पास है और 46.5 प्रतिशत ओडिशा में है। इस पानी को ज्यादातर राज्य की खेती के कार्य में लिया जाता है। इसलिए इसे छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा कहा जाता है।अहम बात यह है कि, 53 प्रतिशत छत्तीसगढ़ में होने के बावजूद हीराकुंड बांध से पानी नहीं मिल रहा, महानदी का यह विवाद 1983 में शुरू हुआ था। 2016 में ओडिशा सरकार कोर्ट पहुंची थी। 2017 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इसके बाद जब मामला नहीं सुलझा तो 2018 में ट्रिब्यूनल टीम को भेजा गया। और अब जल विवाद न्यायाधिकरण की टीम यहां आ रही है।


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