CG में भी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद : PRSU में दो घंटे चली स्क्रीनिंग, छात्रों के एक गुट ने किया प्रदर्शन का विरोध

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन को लेकर देशभर के अलग-अलग जगहों पर विवाद जारी है। केंद्र सरकार ने पहले ही इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगंडा बताते हुए प्रतिबंध लगा दिया है। यूट्यूब और ट्विटर पर इसे ब्लॉक करने का निर्देश जारी किया है। इस डॉक्यूमेंट्री पर जारी विवाद अब छत्तीसगढ़ भी पहुंच गया है। राजधानी रायपुर के पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के हाॅस्टल में इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग हुई। इस दौरान छात्रों के एक-दूसरे गुट ने विवादित प्रदर्शन का विरोध किया, जिसकी वजह से थोड़ी देर तक हंगामा भी हुआ।
दरअसल, छात्रों के एक समूह ने 26 जनवरी की रात रायपुर की पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के पॉवरग्रिड हॉस्टल में इसका सार्वजनिक प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि यह प्रदर्शन हॉस्टल के कॉमन रूम में किया गया। यहां करीब दो घंटे तक बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री चलाई गई। इस दौरान हॉस्टल में रहने वाले कुछ छात्रों ने इस तरह के प्रदर्शन का विरोध भी किया। उनका कहना था कि इस तरह सरकार को भड़काने से छात्रों का नुकसान हो सकता है। इस दौरान थोड़ी देर तक हंगामा भी हुआ, लेकिन डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन जारी रहा। बाद में गणतंत्र दिवस अमर रहे और संविधान जिंदाबाद जैसे नारे भी लगे।
छात्रों को दी गई चेतावनी
मिली जानकारी के अनुसार, प्रदर्शन के अगले दिन विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी सूचना मिली। उसके बाद हॉस्टल के कुछ छात्रों को चेतावनी दी गई है। उसके बाद से हॉस्टल के छात्र इस मामले पर किसी भी तरह की बातचीत से बच रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इस पर चुप्पी साध ली है।
विद्यार्थियों के समूह पर हुई पत्थरबाजी
बताया जा रहा है, दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के दौरान प्रशासन ने बिजली काट दी थी। फिल्म देख रहे विद्यार्थियों के समूह पर पत्थरबाजी भी हुई। उसके बाद से कई विश्वविद्यालय परिसरों में इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर छात्रों के बीच चर्चा तेज हो गई थी।
डॉक्यूमेंट्री पर क्यों छिड़ा है विवाद
उल्लेखनीय है कि बीबीसी ने इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों और उसमें सत्ता प्रतिष्ठान खासकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को दिखाने की कोशिश की है। यह दो भागों में है, जिसका पहला भाग 17 जनवरी और दूसरा भाग 24 जनवरी को जारी किया गया। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड को दिखाने वाले तमाम वीडियो को यूट्यूब से हटाने का निर्देश दिया है। वीडियो के किसी भी हिस्से को ट्विटर पर भी शेयर करने से रोक भी लगाई गई है। ऐसे सारे ही लिंक को ब्लॉक करने को कहा गया है। सरकार इसे भारत विरोधी प्रोपगंडा फिल्म बता रही है।
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