धर्मांतरण पर फिर बस्तर में उबाल : ग्रामीणों ने कहा- धर्म परिवर्तन करने वालों को मौत के बाद दफनाने नहीं देंगे जमीन

धर्मांतरण पर फिर बस्तर में उबाल : ग्रामीणों ने कहा- धर्म परिवर्तन करने वालों को मौत के बाद दफनाने नहीं देंगे जमीन
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विशेष ग्रामसभा में इसाई संप्रदाय के लोगों की ओर से किए जा रहे धर्म परिवर्तन को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए यह प्रस्ताव पास किया गया है कि अब इस धर्म को मानने वालों की यदि मौत हो जाती है तो इस पूरे इलाके में उन्हें दफनाने के लिए जमीन नहीं दी जाएगी। क्या है मामला पढ़िए पूरी खबर...

जीवानंद हलधर/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक बार फिर धर्मांतरण को लेकर विरोध किया जा रहा है। जगदलपुर जिले के तोकापाल और लोहंडीगुड़ा इलाके में फिर धर्मांतरण को लेकर उबाल देखने को मिल रहा है। ग्रामसभा में निर्णय पारित कर 17 बिंदुओं का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपने सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं।

धर्म का प्रचार करने वालों को किया जाएगा दंडित

दरअसल, तोकापाल ब्लाक के बड़ेआरापुर में हुई विशेष ग्रामसभा में कई गांवों के पटेल, गायता, पुजारी, पेरमा, कोटवारों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। विशेष ग्रामसभा में इसाई संप्रदाय के लोगों की ओर से किए जा रहे धर्म परिवर्तन को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए यह प्रस्ताव पास किया गया है कि अब इस धर्म को मानने वालों की यदि मौत हो जाती है तो इस पूरे इलाके में उन्हें दफनाने के लिए जमीन नहीं दी जाएगी। साथ ही धर्म का प्रचार करने आने वालों को दंडित किए जाने का अधिकार भी ग्रामसभा के पास है। ऐसे में यदि कानून-व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है तो इसके लिए इलाके के लोगों को जिम्मेदार न ठहराया जाए।देखिए वीडियो-

पहले भी कई बार किया गया धर्मांतरण का विरोध

ग्रामीणों की ओर से विशेष ग्रामसभा में पास किए गए बिंदुओं के आधार पर कानूनी प्रावधानों को खंगालने के बाद यथा स्थिति निर्णय लेने की बात प्रशासनिक अधिकारी कह रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी कई बार तोकापाल और लोहंडीगुड़ा इलाके में धर्मांतरण को लेकर हालात बिगड़ चुके हैं। ऐसे में अब प्रशासन के लिए यह चुनौती होगी कि आने वाले दिनों में यदि इस मसले को लेकर ग्रामीण उद्वेलित होते हैं तो हालात पर काबू कैसे पाया जाए।

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