छत्तीसगढ़ में फूटा कोरोना बम, जिलों में बढ़ने लगे केस

छत्तीसगढ़ में फूटा कोरोना बम, जिलों में बढ़ने लगे केस
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डेंजर जोन रायपुर-दुर्ग में कोरोना का शतक, प्रदेश में 447, नागपुर की महिला ने कोरोना से तोड़ा दम कुल 4 मौत

रायपुर. पिछले पांच दिनों में छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना बम फूट रहा है और यह संक्रमण दो माह पुरानी स्थिति में आ गया है। डेंजर जोन रायपुर और दुर्ग के साथ आधा दर्जन जिलों में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगा है। शुक्रवार को भी रायपुर और दुर्ग जिले में कोरोना के मामले सौ से अधिक रहे। वहीं नागपुर में रहने वाली महिला समेत चार लोगों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया। प्रदेश में कोरोना एक बार फिर वापसी के दौर में आता नजर आ रहा है और अभी भी लोग गंभीरता नहीं दिखा रहे। अगर इसी तरह मामले बढ़ते गए तो प्रशासन एक फिर एक्शन मोड में आ सकता है।

फरवरी के बाद मार्च में कोरोना का स्तर नीचे जाने लगा तो धीरे-धीरे ढिलाई शुरु हुई और लोगों ने इससे बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानी को ही भुला दिया। टीकाकरण का अभियान शुरु होने के बाद लोगों ने ऐसा महसूस किया कि कोरोना खत्म ही हो गया जो बड़ी चूक साबित होती नजर आ रही है। प्रदेश में कोरोना विस्फोट पिछले चार दिन से जारी है। पिछले चौबीस घंटे में सामने आए 447 पॉजिटिव के मामले डराने के लिए काफी है। अब प्रदेश के सरगुजा, सूरजपुर, कोरबा और बिलासपुर में भी कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। रायपुर-दुर्ग तो डेंजर जोन बन चुका है और दोनों जिलों में मामले सौ के पार हो चुका है। प्रदेश में कोरोना की वजह चार लोगों ने दम तोड़ा है जिसमें 33 से 84 साल के लोग शामिल है।

महिला की मौत से हड़कंप

एम्स में 64 साल की जिस महिला ने कोरोना की वजह से दम तोड़ा है वह नागपुर की रहने वाली है। स्वास्थ्य विभाग उसके बारे में जानकारी एकत्रित करने का प्रयास कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वह नागपुर से सीधे आकर एम्स में भर्ती हुई थी अथवा यहां किसी के घर आई थी।

टीएस ने कहा- कोवैक्सीन को मंजूरी जल्द

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्वीट किया है कि "बीते कुछ दिनों के घटनाक्रम के बाद कुछ लोगों ने राज्य में चल रहे कोरोना टीकाकरण अभियान में छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल किए थे। प्रदेशवासियों का स्वास्थ्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य में किसी भी क्षण हमारे लोगों के लिए टीके की कमी नहीं हुई है। साथ ही राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान में भी छत्तीसगढ़ सबसे बेहतर 5 राज्यों में रहा है। हमें हमारे स्वदेशी टीके पर गर्व है, लेकिन सुदृढ़ता से मानते ​​हैं कि इसे सामान्य उपयोग में लाने से पहले अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार उचित प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता है। अब जबकि डीसीजीआई ने कोवैक्सीन को क्लीनिकल ट्रायल चरण से अपग्रेड कर दिया है, हालांकि अभी तीसरे चरण के परीक्षणों का अंतिम डेटा प्रकाशित नहीं हुआ है। हम गंभीरता से उन लोगों के लिए कोवैक्सीन की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं, जो इसे चुनना चाहते हैं। जैसे ही मैं कोविड से उबरता हूं और टीकाकरण के लिए योग्य होता हूं, मैं कोवैक्सीन की अपनी पहली खुराक लेने जाऊंगा।

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