93 सैंपलों में डबल म्यूटेंट और यूके का स्ट्रेन, विशेषज्ञों ने कहा-रूप बदला

93 सैंपलों में डबल म्यूटेंट और यूके का स्ट्रेन, विशेषज्ञों ने कहा-रूप बदला
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प्रदेश में अपना कहर बरपा रहे कोरोना के स्वरुप में बदलाव होने की बात सामने आई है। कुछ समय पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजे गए 600 मे 93 सैंपल में डबल म्यूटेंट तथा यूके का स्टेंट पता लगा है। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस समय के साथ अपने स्वरुप में बदलाव करता है।

मार्च के अंतिम माह के बाद मई के दूसरे सप्ताह में प्रदेश में अपना कहर बरपा रहे कोरोना के स्वरुप में बदलाव होने की बात सामने आई है। कुछ समय पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजे गए 600 मे 93 सैंपल में डबल म्यूटेंट तथा यूके का स्टेंट पता लगा है। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस समय के साथ अपने स्वरुप में बदलाव करता है। इसके इलाज और दवा में किसी तरह का परिवर्तन नहीं किया गया है।

प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर घातक रुप में सामने आई है और ज्यादा संक्रमण के साथ ज्यादा लोगों की मौत का कारण भी बन चुका। दूसरी लहर की शुरुआत के दौरान ही जांच के लिए भेजे गए पांच सैंपल में कोरोना का नया म्यूटेंट पाया गया था। इसके बाद बड़ी संख्या में सैंपल लेकर जांच के लिए भुवनेश्वर लैब भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट कुछ समय पहले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास पहुंची है।

सूत्रों के मुताबिक इसमें से 93 सैंपल ऐसे थे जिसका वायरस अपनी प्रकृति बदल चुका है। इसमें डबल म्यूटेंट वाली स्थिति छत्तीसगढ़ तथा यूके स्वरुप वाले वायरस के प्रतिबंध के पहले दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के साथ पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। इस बारे में विशेषज्ञों का तर्क है कि कोई भी वायरस अपना स्वरुप समय के अनुसार बदलता है और यह स्थिति कोरोना के लिए भी लागू होती है। कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक जरुर है मगर इसके स्वरुप में बदलाव जरुर हुआ है मगर इलाज के तरीके और दी जाने वाली दवाओं में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।

अभी कम हुए मामले

प्रदेश में कोरोना के पीक के दौरान जांच के लिए सैंपल भेजा गया था जिसकी रिपोर्ट अभी मिली है। वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर ढलान में आ गई है और संक्रमण दर के साथ होने वाली मौत की संख्या में भी बदलाव हुआ है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में लहर कमजोर होकर अपनी सामान्य स्थिति आ जाएगी।

समय के साथ बदलाव

वायरस की प्रवृति समय समय पर बदलाव की होती है। कोरोना के साथ भी ऐसा है। इसकी दवा और प्रोटोकाल में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है।


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