छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और देश से जानिए दूसरी और तीसरी लहर को लेकर गुड और बेड न्यूज

छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और देश से जानिए दूसरी और तीसरी लहर को लेकर गुड और बेड न्यूज
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पूरी दुनिया कोरोना वायरस से त्राहिमाम कर रही है। ज्यादातर देश दूसरी लहर में लाखों जानें गंवा चुके हैं। इस बीच वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस ने सबको चिंता में डाल दिया है। अब तक छत्तीसगढ़ में एक भी मरीज डेल्टा प्लस से संक्रमित नहीं पाया गया है। इस बीच एक अच्छी खबर छत्तीसगढ़ से है।

पूरी दुनिया कोरोना वायरस से त्राहिमाम कर रही है। ज्यादातर देश दूसरी लहर में लाखों जानें गंवा चुके हैं। इस बीच वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस ने सबको चिंता में डाल दिया है। अब तक छत्तीसगढ़ में एक भी मरीज डेल्टा प्लस से संक्रमित नहीं पाया गया है। इस बीच एक अच्छी खबर छत्तीसगढ़ से है। पहली बार विशेषज्ञ मान रहे हैं कि छत्तीसगढ़ से दूसरी लहर लगभग समाप्त हो गई है। थोड़ी ऐहतियात बरती तो इससे मुक्ति मिल जाएगी। बुरी खबर यह है कि पड़ाेसी राज्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में लगातार डेल्टा प्लस के मामले सामने आ रहे हैं।

कोरोना की दूसरी लहर ने मार्च के दूसरे सप्ताह में अपनी दस्तक दी थी और अप्रैल में इसका खौफनाक चेहरा सामने आ गया था। मई के दूसरे पखवाड़े में इसकी रफ्तार कम होनी शुरू हुई और वर्तमान में यह पहली लहर के दौरान जुलाई अगस्त वाली स्थिति में आ गई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में कोरोना की पाजिटिविटी रेट 1.1 प्रतिशत पर आ चुका है, जो इसके खात्मे का संकेत दे रहा है।

एम्स के डायरेक्टर डा. नितिन एम. नागरकर के मुताबिक सौ की जांच में एक पॉजिटिव मिलना यह बता रहा है कि नए मामले बेहद कम हो चुके हैं, मगर अस्पताल में पुराने संक्रमित अन्य कारणों से अपना इलाज करवा रहे हैं। इनके स्वस्थ होने और और प्रदेश में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि कोरोना पूरी तरह खत्म हो चुका है। आंबेडकर अस्पताल के टीबी एवं चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा. रविंद्र कुमार पांडा के मुताबिक पहली की तुलना में दूसरी लहर छोटी थी और तेजी से कम होती चली गई। वर्तमान में जिस तरह कम केस आ रहे हैं उससे यह माना जा सकता है कि दूसरी लहर कमजोर हो गई है।

गुड और बेड न्यूज... मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस के सात मामले, जिन्हें वैक्सीन लगी वे सुरक्षित

कोरोनावायरस के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। भोपाल सहित प्रदेशभर में लगातार इस वैरिएंट के मामले बढ़ते जा रहे है। शनिवार को भी भोपाल में एक ओर डेल्टा प्लस का एक मरीज सामने आया है। तो वहीं प्रदेशभर में अब तक करीब आठ डेल्टा प्लस के मरीज मिल चुके है। इनमें दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। छह लोग पूरी तरह स्वस्थ्य है। जो छह डेल्टा प्लस के मरीज पूरी तरह स्वस्थ्य हैं उनको वैक्सीन का डोज लग चुका था। तो वहीं इनमें से उज्जैन में एक महिला और अशोक नगर के एक युवक की मौत हो चुकी है। दोनों को वैक्सीन नहीं लगाई थी।

पूरी तरह स्वस्थ्य है युवक

शनिवार को आई जीनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट में संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) में 32 साल के युवक में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। युवक इसी महीने कोरोना से संक्रमित होने के बाद इलाज के लिए चिरायु अस्पताल में भर्ती हुआ था। स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। तो वहीं शनिवार को बैरागढ़ निवासी युवक के परिजन व संपर्क में आए लोगों के सैंपल लिए गए है। यहां पर करीब 12 लोगों के सैंपल लिए गए।

दस दिन में मिले तीन मामले

मप्र में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 3 केस भोपाल में, 2 उज्जैन में, 2 रायसेन में और 1 अशोकनगर में मिले हैं। इनमें से उज्जैन में एक महिला और अशोक नगर के एक युवक की मौत हो चुकी है। दोनों को वैक्सीन नहीं लगाई थी। कोरोना संक्रमण के बारे में विशेष अध्ययन करने वाले आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल का मानना है कि डेल्टा पहली म्यूटेशन डेल्टा से कम खतरनाक है मगर इसमें आशंका यह है कि यह उन्हें भी प्रभावित कर सकता है जिनमें कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। उनकी राय यह भी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अगर वैक्सीन लगवा लेते हैं तो यह तय है कि संक्रमित होने पर वे आसानी से ठीक हो जाएंगे और उन्हें गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आएगी।

तीसरी लहर कितनी खतरनाक.. पहली और दूसरी का सटीक आकलन करने वाले सप्ताहभर में करेंगे स्पष्ट

पहली और दूसरी लहर का सटीक अनुमान लगाने वाले आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों की टीम इस पर रिसर्च कर रही है और सप्ताहभर में इसके स्वरूप पर अपनी रिपोर्ट देगी। टीम का नेतृत्व कर रहे पद्मश्री प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल का मानना है कि स्वरूप कैसा भी हो अगर टीकाकरण पर्याप्त संख्या में हो गया हो तो इससे जूझना नहीं पड़ेगा। विशेषज्ञ डा. रविंद्र पांडा के मुताबिक पहली लहर में इसने कम तकलीफ दी दूसरी में लोगों को बहुत ज्यादा परेशान किया मगर तीसरी लहर अगर आती है तो इसका असर पांच फीसदी ही रहेगा क्योंकि तब तक बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन हो जाएगा और पहली और दूसरी लहर में जो संक्रमित हो चुके हैं उनमें संक्रमण का खतरा भी कम रहेगा।

समाप्त नहीं पर काफी कम- सिंहदेव

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का मानना है कि संक्रमण दर का 1.1 प्रतिशत होना दूसरी लहर की समाप्ति तो नहीं लेकिन बहुत कम होना बयान कर रही है। उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग, सुकमा और बीजापुर में पाजिटिविटी रेट अभी भी तीन प्रतिशत से ऊपर है और सरगुजा संभाग को भी देखना होगा।


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