खत्म हुई कोरोना की दूसरी लहर, प्रदेश के अस्पतालों के 82 फीसदी से ज्यादा बिस्तर खाली

बड़ी संख्या में जांच के बाद भी लगभग एक फीसदी कोरोना संक्रमित मिलने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश से कोरोना की दूसरी लहर खत्म हो गई है। लगभग 11 हजार एक्टिव केस रहने और बड़ी संख्या में लोगों के घरों में रहने की वजह से अस्पतालों के 82 फीसदी बेड खाली हो चुके हैं। सामान्य लक्षण वालों के साथ एचडीयू, आईसीयू और वेटिंलेटर की सुविधा वाले बेड रिक्त हैं। अस्पतालों में जो मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं, उनमें ज्यादातर संक्रमण के साथ दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।
अप्रैल में भयावह तस्वीर दिखाने वाला कोरोना केस अब प्रदेश में बड़ी कम संख्या में सामने आ रहे हैं। साथ ही ठीक होने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी की वजह से सक्रिय मामले भी तेजी से घटते जा रहे हैं और एक्टिव केस कम होकर 11 हजार के करीब हो चुका है। कोरोना के खात्मे का असर सीधे अस्पतालों में संक्रमितों के इलाज के लिए की गई व्यवस्था पर पड़ा है।
स्वास्थ्य विभाग की अधिकृत वेबसाइट के मुताबिक प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए विभिन्न मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल, कोविड केयर सेंटर, निजी अस्पतालों में कुल 31 हजार 603 बिस्तरों की व्यवस्था विभिन्न सुविधा के मुताबिक की गई थी। बुधवार की स्थिति में इनमें से 25914 बेड खाली है यानी लगभग 5689 बिस्तरों पर मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अस्पतालों में जो मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं ज्यादातर कोरोना के साथ किसी दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। वहीं सामान्य लक्षण वाले मरीज अस्पताल के बजाए घरों में रहकर अपना इलाज करवा रहे हैं।
खाली बेड
प्रदेश में कोरोना के मरीजों के लिए आक्सीजन सुविधा वाले 11075 बिस्तरों की व्यवस्था की गई थी, जिसमें से 8993 बेड खाली हैं। आक्सीजन की सुविधा विहीन 16170 में से 14323 बिस्तर खाली हैं। एचडीयू के 15501 में से 1024 तथा आईसीयू के 2725 में 1546 तथा वेंटिलेटर के 1044 में 537 बेड खाली हैं। प्रदेश के कई अस्पतालों में बेड की स्थिति को अपडेट करना बंद कर दिया है इसकी वजह कोरोना के मरीज नहीं आना है।
तीसरी लहर की तैयारी
प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका कम है, मगर भविष्य की तैयारियों को देखते हुए आयुर्वेद अस्पताल और इंडोर स्टेडियम में पीआईसीयू बनाने की तैयारी की जा रही है। आयुर्वेद अस्पताल में तीस बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार हो चुका है और इंडोर स्टेडियम में 77 बेड की तैयारी की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकती है। हालांकि इस संबंध में किसी तरह के पुख्ता प्रमाण नहीं दिए गए हैं।
बेहद कम हुई संख्या
कोरोना संक्रमण कम होने के बाद अस्पतालों में मरीजों की संख्या बेहद कम हो चुकी है केवल 15 फीसदी मरीज ही अपना इलाज करवा रहे हैं। इनमें ज्यादातर ऐसे हैं जो दूसरी बीमारी से पीड़ित हैं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS