छग में कोरोना पैर पसार रहा- लापरवाही पड़ी भारी, 24 घंटे में 25 नए संक्रमित, एक की मौत

रायपुर: प्रदेश में कोरोना जांच व इलाज में देरी के साथ कोरोना वैक्सीन नहीं लेने की लापरवाही भारी पड़ रही है। इस साल नवंबर में कोरोना से मौत का औसत रोज एक का आ गया है। सितंबर-अक्टूबर के दो महीने की तुलना में कोविड मौत ज्यादा है। इसके पहले पिछले दो माह में केवल 10-10 मौतें हुई है।
अभी जितने भी कोरोना के नए मरीज आ रहे हैं ज्यादातर में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं। कोरोना मौत के पीछे जो अब तक जो मुख्य वजह सामने आ रही है उसमें लोग या तो देरी से जांच करवा रहे हैं या बहुत अधिक स्थिति बिगड़ने के बाद ही इलाज के लिए अस्पताल या होम आइसोलेशन की मंजूरी मांग रहे हैं। टीका नहीं लगवाने से मरीज के गंभीर स्थिति में पहुंचने की आशंकाएं अधिक होती है। ऐसे लोग जो टीका नहीं ले रहे हैं, गंभीर स्थिति के बाद उनमें मौत के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं।
सितंबर में कोरोना मौत का औसत 0.33 मौत प्रतिदिन रहा था यानी करीब तीन दिन में एक मौत हो रही थी। वहीं अक्टूबर में भी लगभग ऐसी ही स्थिति रही है। जानकारों के मुताबिक ज्यादातर मौतों के पीछे अब मुख्य वजह वैक्सीन नहीं लगवाने की लापरवाही सामने आ रही है। यही नहीं लोग जांच और इलाज शुरू करने में भी देरी कर रहे हैं। नवंबर में अब तक प्रदेश मेें 10 से अधिक मौतें हुई है। मरने वालों में 6 ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना का टीका ही नहीं लगवाया है। दो लोगों ने कोविड टीके का केवल एक डोज लिया है। वहीं दो लोग ऐसे हैं जिन्होंने दोनों टीके लगवाए किंतु उम्र अधिक होने के साथ साथ वे कैंसर, हार्ट जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे।
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