ट्रू नॅाट पद्धति से दोगुनी होगी कोरोना जांच, आज से जिला अस्पताल में सुविधा

कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए सोमवार से जिला अस्पताल में ट्रू नॉट पद्धति की शुरुआत होगी। इससे जिले में ज्यादा जांच के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में इस पद्धति से जांच कालीबाड़ी के टीबी अस्पताल में की जाती है और घंटेभर में इसकी रिपोर्ट आती है।
रायपुर जिले में वर्तमान में पांच हजार के करीब कोरोना जांच का लक्ष्य निर्धारित है मगर यहां चार हजार के आसपास ही जांच हो पा रही है। इसमें सबसे ज्यादा जांच एंटीजन किट के भरोसे होती है और आरटीपीसीआर टेस्ट निजी और शासकीय मिलाकर एक हजार के आसपास होते हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान संक्रमितों की पहचान के लिए टीबी जांच मशीन में विशेष तरीके की कार्टराइज लगाकर कोविड-19 के वायरस का पता लगाने की शुरुआत की गई थी।
दूसरी लहर के दौरान भी प्रदेश में इसका काफी उपयोग किया गया था। वर्तमान में कालीबाड़ी के टीबी अस्पताल में रोजाना चार सौ लोगों की जांच इस प्रक्रिया के तहत की जाती है। सोमवार से जिला अस्पताल में यह सुविधा शुरू हो जाएगी जिसके बाद जांच की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। वर्तमान में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को रोकने ज्यादा से ज्यादा जांच पर जोर दिया जा रहा है और प्रति संक्रमित के पीछे पंद्रह लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया है।
यात्रा के लिए आरटीपीसीआर मान्य
वर्तमान में दूसरे राज्यों की यात्रा करने के लिए कोविड वैक्सीनेशन का प्रमाणपत्र नहीं होने पर केवल आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट को मान्य किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक जिले में आधे से ज्यादा आरटीपीसीआर की जांच इसी मकसद से कराई जा रही है। ट्रू नॉट और एंटीजन किट के माध्यम से जांच को इस संबंध में मान्य नहीं किया जाता है।
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