कोरोना की दूसरी लहर घातक, 45 साल से कम उम्र के लोग भी निशाने पर, चार दिन में 88 ने तोड़ा दम

कोरोना की दूसरी लहर घातक, 45 साल से कम उम्र के लोग भी निशाने पर, चार दिन में 88 ने तोड़ा दम
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कोरोना का बदला स्वरूप कम उम्र के लोगों के लिए घातक साबित हो रहा है। हाईरिस्क की श्रेणी में आने वाले इस आयु के लोग न केवल संक्रमण के शिकार हो रहे हैं, बल्कि इसकी चपेट में आकर जान भी गंवा रहे हैं। चार दिन के भीतर ऐसे 88 लोगों की मौत हो गई जिनमें से दर्जनभर ऐसे लोग हैं जो अस्पताल तक नहीं पहुंच पाए और रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

कोरोना का बदला स्वरूप कम उम्र के लोगों के लिए घातक साबित हो रहा है। हाईरिस्क की श्रेणी में आने वाले इस आयु के लोग न केवल संक्रमण के शिकार हो रहे हैं, बल्कि इसकी चपेट में आकर जान भी गंवा रहे हैं। चार दिन के भीतर ऐसे 88 लोगों की मौत हो गई जिनमें से दर्जनभर ऐसे लोग हैं जो अस्पताल तक नहीं पहुंच पाए और रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

प्रदेश में कोरोना की पहली लहर के दौरान विशेषज्ञों के सारे अनुमान गलत साबित हो रहे हैं जिसमें सबसे बड़ा अनुमान कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर था। पहले दौर में यह माना जा रहा था कि कोरोना उनके लिए ही यमदूत साबित हो रहा है जो किसी दूसरी बीमारी के शिकार हैं या जिनकी उम्र साठ साल से अधिक है।

मगर कोरोना के नए स्वरूप ने इन अनुमानों को बदलकर रख दिया और इसकी नई लहर में हर उम्र के लोग चपेट में आ गए। स्थिति गंभीर होने की वजह से ऐसे लोग भी काल कवलित हो रहे हैं जिनकी आयु 40-45 साल से भी कम है उन्हें किसी तरह की अन्य बीमारी नहीं है यानी किसी चूक की वजह से कोरोना वायरस का शिकार हुए और कमजोरी एवं सांस लेने में तकलीफ तथा बुखार जैसी शिकायतों के बीच उन्होंने दम तोड़ दिया। इसमें दर्जनभर लोगों की मौत अस्पताल के दरवाजे तक पहुंचने से पहले हो गई और इसकी वजह केवल संक्रमित होने के बाद भी जांच में लेटलतीफी थी।

जांच जरूरी

किसी भी तरह के लक्षण आने पर जल्दी से जल्दी जांच कराना जरूरी है। वर्तमान में कोरोना का बदला स्वरूप घातक है। बड़े जिलों के साथ इसका प्रकोप अब छोटे जिलों में होने लगा है।


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