Raipur: बीरगांव को शासन ने बनाया निगम लेकिन नहीं बढ़ाई राशन दुकानें, लोगों को समय से नहीं मिला पा रहा Ration

Raipur News: बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में सार्वजनिक खाद्यान वितरण प्रणाली बदहाली से जूझ रही है। इस क्षेत्र को 20 साल पहले पालिका परिषद बनाते हुए तब 35 वार्डों में 10 राशन दुकानें शुरू की गई। नौ साल पहले शासन के आदेश पर ही पालिका परिषद का कद बढ़ाकर नगर निगम का दर्जा दिया गया। इसके बावजूद जिला प्रशासन ने 4 बार पत्र लिखने पर भी राशन दुकानों की संख्या नहीं बढ़ाई। इससे हर राशन दुकान में गाइडलाइन से तीन गुना ज्यादा हितग्राही हैं।
जिला खाद्य विभाग ने रायपुर निगम सीमा में संचालित राशन दुकानों में हितग्राही बढ़ने से 98 नई दुकानें शुरू की हैं। इस निगम सीमा से महज 12 किमी. की दूरी पर स्थित बीरगांव निगम से जुड़े 40 वार्डों में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग निवासरत हैं। इनमें 21 हजार से ज्यादा ऐसे परिवार हैं, जिन्होंनेे पारिवारिक स्थिति के लिहाज से राशनकार्ड भी बनवाया है। इन्हें सस्ते दरों पर खाद्यान बांटने के लिए निगम की सीमा में शामिल 6 गांवों में खाद्य विभाग ने सिर्फ 10 राशन दुकानें शुरू की हैं। इनमें 20 साल के अंतराल में हर दुकान पर 500 के बजाय 18 सौ से 2000 कार्डधारक जुड़ गए हैं। इनको हर माह शासन की योजना के तहत दिए जाने वाले राशन के लिए लोगों को कई घंटे लाइन लगाने के बाद भी खाली हाथ लौटना पड़ता है। कभी सर्वर डाउन होने तो कई बार राशन खत्म होने से भी कार्डधारकों को वापस लौटाने की स्थिति बनती है।
नौ साल में 4 बार लिखा पत्र
निगम के जिम्मेदारों ने वार्ड प्रतिनिधियों व लोगों से मिलने वाली शिकायत से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए नौ साल में 4 बार पत्र लिखने की जानकारी दी। इसके बाद भी जिला खाद्य विभाग के जिम्मेदारों ने डेढ़ लाख आबादी को राशन आवंटन की सुविधा देने 10 नई दुकानों को शुरू करनेेे के लिए कोई प्रक्रिया नहीं की है। इससे हर राशन दुकान से करीब दो हजार कार्डधारक जुड़े होने से हर महीने खाद्य सामग्री का वितरण करने में दिक्कत होती है। सामान्य कार्डधारकों को हर महीने का राशन भी समय पर नहीं मिल पाता है।
20 साल पहले खुली दुकानें
बीरगांव निगम से जुड़े 6 गांवों की आबादी 20 साल पहले करीब 50 हजार थी। इसे पालिका परिषद बनाते समय खाद्य विभाग ने 10 दुकानों का संचालन शुरू किया, जो उस समय के लिए पर्याप्त था। इसके बाद तेजी से आबादी और राशनकार्ड बढ़ने के बाद भी नई दुकानें नहीं शुरू की गईं। इस वजह से हर राशन दुकान से नए कार्डधारकों को जोड़ने से हितग्राही तीन गुना से भी ज्यादा हो गए। इनका संचालन भी ऑनलाइन प्रक्रिया से जुड़ने की वजह से सर्वर डाउन होने की स्थिति में राशन का आवंटन प्रभावित होता है।
खाद्य विभाग को लिखे पत्र
लोगों और वार्ड प्रतिनिधियों से मिलने वाली शिकायत को देखते हुए 10 नई दुकानें शुरू करने चार बार पत्र लिखा गया है। इसके बाद भी अभी तक लोगों को नई दुकानों से जोड़ने की प्रक्रिया नहीं की गई है। इसके लिए खाद्य विभाग से जल्द चर्चा करेंगे।
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