निगम ने तोड़े मकान : नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग उतरे सड़क पर, जमकर मचाया हंगामा

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सरकारी जमीन पर रहने वाले लोगों के मकानों को तोड़कर लोगों को बेघर करने के नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क पर उतरकर जमकर हंगामा किया। अवैध कब्जा तोड़ने की जानकारी मिलते ही भाजपाई भी वहां पहुंच गए और नगर निगम अधिकारियों के साथ बहसबाजी शुरू कर दी। इस दौरान लोगों ने जमकर नारेबाजी की और नगर निगम की कार्रवाई का विरोध किया। वहां के रहवासियों का कहना है कि, नगर निगम को सिर्फ गरीबों का अवैध कब्जा नजर आता है। और अमीरों का नहीं।आखिरकार,विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए नगर निगम की टीम उन्हें एक सप्ताह का समय देकर लौट गई।
महिलाओं ने जमकर मचाया हंगामा
दरअसल, नगर निगम ने सरकंडा इलाके में सड़क चौड़ीकरण करने की योजना बनाई है। अवैध कब्जे की मकानों को तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया गया है। नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता मंगलवार को निगम अमला दल-बल के साथ करीब 500 मकानों को तोड़ने सरकंडा के चांटीडीह स्थित मेला पारा पहुंचा। यहां अतिक्रमण टीम के लोगों ने अवैध कब्जा तोड़ना शुरू कर दिया था। जिस पर रहवासियों की भीड़ जुट गई। देखते ही देखते बड़ी संख्या में मोहल्लेवासियों के साथ महिलाएं सड़क पर उतर गईं और जमकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। महिलाएं सड़क पर उतर कर नारेबाजी करने लगी और नगर निगम की टीम से विवाद शुरू कर दिया।
चौपाटी बनाने की योजना
बता दें कि, मकान तोड़ने की जानकारी मिलते ही भाजपा पार्षद विजय ताम्रकार के साथ भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष महर्षि वाजपेयी सहित भाजपाई बड़ी संख्या में चांटीडीह पहुंच गए और नगर निगम की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए नारेबाजी करने लगे। नगर निगम के अफसरों ने बताया कि, अवैध कब्जे की जमीन को खाली कराकर स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया है। जहां चौपाटी सहित अन्य निर्माण कार्य किया जाएगा। रहवासियों को प्रधानमंत्री आवास के तहत घर बनाकर दी जा रही है। इस पर भाजपाइयों ने पहले रहवासियों के विस्थापन सुनिश्चित करने की मांग की।

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