Corruption: पुल ढह जाने से पहाड़ी कोरवा समुदाय के लोग परेशान, योजनाएं हो रही कागजों पर संचालित…

आशीष कुमार गुप्ता-बतौली। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों (adopted sons) को शासकीय योजना का लाभ दिलाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर शासन-प्रशासन ने पुल बनवाया। लेकिन निगरानी के अभाव में वे पुल समय से पहले ही टूटकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस वजह से पहाड़ी इलाके में निवासरत पहाड़ी कोरवाओं (Pahari korwas) को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, विकासखंड बतौली (batauli) के ग्राम पंचायत गोविंदपुर (govindpur) के खुद की निर्माण एजेंसी में खीराआमा पहाड़ी कोरवापारा (pahari korwas) जाने के लिए जिला खनिज न्यास मद से 10 लाख की स्वीकृति से साल 2016-17 में पुल का निर्माण किया गया था। पुल के निर्माण होने से लगभग 80 घरों में निवासरत पहाड़ी कोरवा (pahari korwas) परिवारों को राहत मिली, जिससे आवाजाही आसान हुई।

पुल के क्षतिग्रस्त होने से बढ़ी समस्याएं
लेकिन गुणवत्ताहीन निर्माण और पानी से लगातार मिट्टी कटाव के कारण पिछले 3 साल में ही पुल क्षतिग्रस्त होकर पूरी तरह से टूट गई, जिससे यह मार्ग बंद हो गया। अब समस्या यह है कि, पुल के टूट जाने से खीराआमा पारा मे निवासरत लोंगो को पुल के अभाव में एंबुलेंस सहित जरूरी कामों के लिए पैदल चलकर जाना पड़ेगा। समस्या से अवगत होने के बावजूद भी जनप्रतिनिधियों और शासन-प्रशासन ने अब तक कोई विशेष पहल नहीं किया है। इससे भारी बरसात में यह पुल पूरी तरह बह जाएगी और गोविंदपुर का यह आश्रित ग्राम पहुंच विहीन हो जाएगा।
शासकीय योजनाएं चढ़ रहे भ्रष्टाचार की भेंट
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवाओं के लिए शासकीय योजना कागजों पर संचालित हो रही है। आजादी के 76 वर्षों में भी कोरवा परिवारों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है और अगर कोई शासकीय कार्य होता भी है तो वह भ्रष्टाचार (corruption) की भेंट चढ़ जाता है। यहां पर पुल के साथ मिट्टी की सड़क भी पानी में बह गई है, जिससे लोंगो को पगडंडी रास्ते का सहारा लेना पड़ रहा है।


नया पुल बनवाने के लिए एस्टीमेट जारी
बतौली (batauli) जनपद के नव पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी लक्ष्मी नारायण सिदार ने कहा कि, मामले की वस्तु स्थिति से अवगत होकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई करने की भी बात कही है। जबकि ग्राम पंचायत गोविंदपुर (govindpur) के सरपंच वीर विजय मिंज ने बताया कि, नए पुल के स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। पहले चरण के लिए 20 लाख और दूसरे चरण के लिए 19 लाख रुपयों के लिए एस्टीमेट बनाया गया है। स्वीकृति मिलने पर तत्काल पुल का निर्माण किया जाएगा।
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