कोर्ट का आदेश नहीं मिला, विवादों के बीच कुंवर धर्मेंद्र का हुआ राज्याभिषेक

जांजगीर चाम्पा. जिले के सक्ती राजपरिवार का विवाद महल से पुलिस थाने और कोर्ट तक पहुंच चुका है। विवादों के बीच राजा ने अपने दत्तक पुत्र का मंगलवार को राजतिलक कर दिया। खास बात यह है कि इस मामले में रानी की ओर से कोर्ट का स्थगन आदेश मिलने का दावा किया जा रहा है, लेकिन आदेश की तामिली नहीं होने पर महल में आयोजित राज्याभिषेक कार्यक्रम परंपरागत संपन्न हुआ। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अमले ने भी दूरी बनाए रखी। सक्ती राज परिवार का समृद्ध इतिहास रहा है, राज परिवार अपने अच्छे काम के लिए मशहूर रहा है, राजमहल और राज परिवार इन दिनों फिर सुर्खियों में है, राजा और रानी के बीच चल रहा विवाद इसकी वजह है। रानी गीता राणा देवी के 30 साल बाद अपने मायके नेपाल से वापस सक्ती महल लौटने के बाद कुछ माह पूर्व यह विवाद शुरू हुआ है। इसके बाद विवाद बढ़ते बढ़ते पुलिस थाने तक पहुंच गया है। बताया जाता है कि मुख्य रूप राज परिवार की संपत्ति और धर्मेंद्र सिंह को दत्तक पुत्र माने जाने को लेकर विवाद है।
रानी गीता राणा सिंह ने धर्मेंद्र को अपना बेटा मानने से इनकार करते हुए कोर्ट में याचिका भी दायर की थी, जिस पर प्रथम सत्र अपर न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिया, इधर राजा सुरेंद्र बहादुर ने विवादों के बीच मंगलवार 19 अक्टूबर को कुंवर धर्मेंद्र का राज्याभिषेक किया। राजा ने पहले ही धर्मेंद्र को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।छह दशक बाद सक्ती महल में राज्याभिषेक का मौका आया था। इससे पहले राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने महज 18 साल की उम्र में राजगद्दी संभाली थी, तब सभी ओर उत्साह था, लेकिन इस बार विवादों के बीच महल में राजतिलक का कार्यक्रम हुआ। बताया जाता है कि न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश की जानकारी रानी के अधिवक्ता द्वारा दी गई, परंतु पुलिस और प्रशासनिक अमले का कहना था कि आदेश उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। बहरहाल राजा रानी के विवाद के बीच रियासत के कुंवर धर्मेंद्र सिंह का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
नहीं मिला है आदेश
महल में विवाद को लेकर रानी द्वारा शिकायत पूर्व में की गई थी। राज्याभिषेक पर स्थगन आदेश मिलने की बात कही जा रही है, लेकिन हमें लिखित में कोई आदेश माननीय न्यायालय से प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए कार्यक्रम में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया।
रूपक शर्मा, टीआई सक्ती
स्थगन आदेश के बाद राज्याभिषेक
रानी गीता देवी सिंह द्वारा प्रथम श्रेणी न्यायालय में याचिका दायर की गई है, जिस पर माननीय न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिया है। स्थगन आदेश के बावजूद राज्य अभिषेक का कार्यक्रम हुआ है।
विश्वनाथ सोनसरे, रानी के वकील
राज परंपरा का किया निर्वहन
राज परिवार की परंपरा अनुसार उत्तराधिकारी का राज्याभिषेक किया जाता है। मेरे पिता महाराज ने मेरा राज्याभिषेक किया था, इसी प्रकार मैने अपने पुत्र धर्मेंद्र का राज्याभिषेक करके राज्य परंपरा का निर्वहन किया है।
सुरेन्द्र बहादुर सिंह, सक्ती राजा
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