कोविड जांच केंद्रों में आरटीपीसीआर की समय पर नहीं मिल रही रिपोर्ट, किट की किल्लत से परेशानी

कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे शहरवासियों को कालीबाड़ी के जिला अस्पताल और भाठागांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं खोखोपारा के पीएससी सेंटर में कोरोना जांच की रिपोर्ट समय पर नहीं मिल रही है। कहीं पर 3 से 4 दिन बाद जांच रिपोर्ट के लिए आने को कहा जा रहा है तो कहीं सप्ताहभर से लेकर पखवाड़े बीतने के बाद भी मरीज की जांच रिपोर्ट नहीं मिल रही। जबकि कोरोना जांच कराने शहर के अलग-अलग इलाकों से यहां लोग अपने परिजन को लेकर आरटीपीसी की जांच कराने पहुंच रहे हैं।
खोखोपारा सेंटर में 4-5 दिन में मिल रही रिपोर्ट
नगर निगम के जोन 5 अंतर्गत महंत लक्ष्मीनारायण दास वार्ड स्थित पंकज उद्यान के पास खोखोपारा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। आरटीपीसीआर टेस्ट कराने लोग लाइन में लगकर रोज यहां टेस्ट कराने पहुंच रहे हैं पर उन्हें जांच रिपोर्ट के लिए 4 से 5 दिन बाद आने को कहा जा रहा है। वहीं भाठागांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना जांच कराने वालों को सप्ताहभर की वेटिंग दी जा रही है।
15 दिन में नहीं मिली जांच रिपोर्ट
कोरोना जांच केंद्रों में टेस्ट कराने पहुंच रहे मरीजों को जांच रिपोर्ट देने में स्वास्थ्य विभाग लापरवाही बरत रहा है। चंगोराभाठा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंगोरा निवासी एक मरीज ने आरटीपीसीआर जांच कराई उसकी जांच रिपोर्ट 15 दिन बाद भी नहीं मिल पाई। परेशान मरीज ने जोन कमिश्नर को शिकायत कर अपनी रिपोर्ट जल्द दिलवाने का आग्रह किया। स्वास्थ्य विभाग की लेटलतीफी से जोन स्तर के अधिकारी भी हैरान हैं क्योंकि रिपोर्ट समय पर नहीं मिलने पर संबंधित लोग सीधे जोन कमिश्नर के पास अपनी फरियाद दर्ज कराने पहुंच रहे हैं।
कालीबाड़ी में सड़क तक लगी जांच के लिए कतार
कालीबाड़ी चौक स्थित जिला टीबी अस्पताल परिसर में कोरोना जांच के लिए शहरभर के अलग-अलग इलाकों से लोग अपने परिजन को साथ लेकर जांच कराने पहुंच रहे हैं। गुरुवार को हास्पिटल कैंपस से लेकर मुख्य सड़क तक कोरोना जांच कराने वालों की लंबी लाइन लगी रही। धूप में घंटों पारी का इंतजार करते लोगों को इस दौरान परेशान होते देखा गया। महिला एवं पुरुष मरीजों के लिए अलग-अलग लाइन लगवाई गई।
रामनगर में रैपिड टेस्ट के लिए लंबी कतार, जांच के लिए किट मात्र 15 से 20
संत रामदास वार्ड के रामनगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में वार्डवासियों के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना जांच के लिए एंटीजन रेपिड टेस्ट की सुविधा प्रदान की गई है। इसके लिए सुबह 9 बजे से सैकड़ों की संख्या में लोग लाइन लगाकर अपना टेस्ट कराने पहुंच रहे हैं पर घंटों इंतजार के बाद मुश्किल से 15 से 25 मरीजों का ही रेपिड टेस्ट एक दिन में हो पा रहा है। बाकी लोगों को लाइन में लगने के बावजूद टेस्ट किट खत्म होने का हवाला देकर बैरंग लौटाया जा रहा है।
इससे लोगों में भारी नाराजगी व्याप्त है। वार्ड पार्षद भोला साहू का कहना है कि 150 से 200 लोग यहां रेपिड टेस्ट के लिए रोज आ रहे हैं पर स्वास्थ्य विभाग मात्र 15 से 25 किट लेकर टेस्ट कराने स्टाफ भेजता है जो कि बहुत कम है। इस संबंध में सीएमएचओ को कई बार शिकायत की पर समस्या जस के तस है। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा पार्षदों की वर्चुअल बैठक के दाैरान भी पार्षद भोला साहू ने डॉ. मीरा बघेल और आला अधिकारियों के सामने रामनगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में किट की कमी को लेकर जमकर नाराजगी जताई।
डीडीनगर में भी किट का संकट, लाइन लंबी, टेस्ट केवल 50 का
पं. दीनदयाल उपाध्याय वार्ड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना जांच के आरटीपीसीआर की सुविधा नहीं है। यहां केवल रेपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक इस सेंटर रेपिड टेस्ट कराने कर्मचारी उपलब्ध रहते हैं। पहले यहां एक दिन में 100 से 150 लोगों की रेपिड एंटीजन जांच आसानी से हो जाती थी पर पिछले कुछ दिनों से पर्याप्त मात्रा में जांच के लिए किट उपलब्ध नहीं होने से केवल 50 मरीजों की जांच हो पा रही है।
जबकि सुबह 9 बजे से लोगों की लाइन लगनी शुरू हो जाती है। दोपहर बाद भीड़ बढ़ने से लाइन लंबी होते देखी गई। वार्ड पार्षद मधु चंद्रवंशी ने बताया, मुश्किल से 50 लोगों का नंबर आते-आते किट खत्म हो जाती है। इसके बाद लाइन में लगे लोग मायूस होकर बिना जांच कराए घर लौटने मजबूर हैं। किट की संख्या बढ़ाने कई बार स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से आग्रह किया गया है पर विभाग ने आज तक आमजनों की परेशानी पर ध्यान नहीं दिया।
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