इक्कीसवीं सदी में अंधविश्वास: शव को जीवत करने के लिए लगाया गोबर, किसी ने नहीं जताई आपत्ति...पुलिस के आने के बाद हुआ अंतिम संस्कार

इक्कीसवीं सदी में अंधविश्वास: शव को जीवत करने के लिए लगाया गोबर, किसी ने नहीं जताई आपत्ति...पुलिस के आने के बाद हुआ अंतिम संस्कार
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मनेन्द्रगढ़ जिले में अंधविश्वास इस कदर बढ़ गया है कि इक्कीसवीं सदी में होने के बावजूद गांव के लोग शव को जीवित करने के लिए गोबर पाट रहे है।...पढ़िए पूरी खबर

रविकांत सिंह राजपूत/मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ जिले में अंधविश्वास इस कदर बढ़ गया है कि इक्कीसवीं सदी में होने के बावजूद गांव के दो भाइयों आशीष टोप्पो और सियोन टोप्पो की मृत्यु के बाद आधे घण्टे तक गोबर में पाट दिया गया। यह घटना मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के मनेन्द्रगढ़ ब्लाक के सोनवर्षा गांव की है। जिन दो शवों को गोबर में पाटा गया उनमें जब कोई हलचल होती हुई दिखाई नहीं दी, तब जाकर सूचना मिलने पर गांव में पुलिस पहुंची और अंतिम संस्कार किया गया। अहम बात यह है कि जब शवों को गोबर में डाला गया तब वहां पर पूरा गांव यह तमाशा देखने के लिए मौजूद था। लेकिन किसी ने इस अंधविश्वास पर आपत्ति नहीं जताई।

मौत के बाद शरीर पर लगाया गोबर...

बता दें, दोनों भाइयों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने की वजह से हुई थी। जिसके बाद गांव वालों ने उनके शरीर पर गोबर का लेप लगाया। इस गांव में यह कुप्रथा काफी वक्त से चल रही है।बावजूद इसके प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार का एक्शन नहीं लिया जा रहा। ऐसा अक्सर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलता है।

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